





रुद्र
Rudra
(Vedic storm and wind deity; epithet of Shiva)
Summary
रुद्र
रुद्र, एक वैदिक देवता हैं जो शिव, वायु, तूफान, औषधि और शिकार से जुड़े हैं। "रुद्र" नाम का एक अनुवाद "गर्जनेवाला" है। ऋग्वेद में, रुद्र की स्तुति "सबसे शक्तिशाली" के रूप में की गई है। रुद्र का अर्थ है "जो समस्याओं को जड़ से उखाड़ फेंकता है"। समय और परिस्थिति के अनुसार, रुद्र का अर्थ "सबसे भयंकर गर्जना करने वाला" (जैसे प्रचंड तूफान) या "सबसे भयावह" भी हो सकता है।
यह नाम शिव सहस्रनाम में भी आता है, और विद्वान आर. के. शर्मा बताते हैं कि बाद की भाषाओं में अक्सर इसका उपयोग शिव के नाम के रूप में किया गया है।
यजुर्वेद में वर्णित "श्री रुद्रम" स्तोत्र, रुद्र को समर्पित है और शैव संप्रदाय में इसका बहुत महत्व है। तैत्तिरीय संहिता के प्रथम अनुवाक में, श्री रुद्रम में "सबसे शक्तिशाली" रुद्र को सदाशिव (अर्थात 'शक्तिशाली शिव') और महादेव के रूप में पूजा जाता है। शैव संप्रदाय के मंत्र मार्ग सिद्धांत शाखा में, सदाशिव को ही परमेश्वर, परमशिव माना जाता है। इसके अलावा, रुद्र का आह्वान करने के लिए उसी अनुवाक में कई बार 'शिव' नाम का भी प्रयोग किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- रुद्र, शिव का एक वैदिक रूप हैं।
- उनका संबंध वायु, तूफान, औषधि और शिकार से है।
- "रुद्र" का अर्थ "गर्जनेवाला" या "समस्याओं का नाश करने वाला" है।
- ऋग्वेद में उन्हें "सबसे शक्तिशाली" कहा गया है।
- "श्री रुद्रम" स्तोत्र, रुद्र को समर्पित है।
- सदाशिव और महादेव, रुद्र के ही नाम हैं।
यह विवरण रुद्र के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करता है और उनकी विभिन्न विशेषताओं पर प्रकाश डालता है।