Atharvan

एथरवन

Atharvan

(Author of Atharvaveda in Hinduism)

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अथर्वन ऋषि: एक विस्तृत विवरण

अथर्वन (अथर्वन्, atharvan-) एक प्रसिद्ध वैदिक ऋषि हैं, जिन्हें अंगिरास के साथ मिलकर अथर्ववेद के रचयिता (श्रुति के रूप में ग्रहण करने वाले) माना जाता है। उन्हें यज्ञ की स्थापना करने का श्रेय भी दिया जाता है। कभी-कभी उन्हें सात ऋषियों (सप्तर्षि) में भी गिना जाता है। उनका कुल अथर्वन के नाम से जाना जाता है।

अथर्वन ने प्रजापति कर्दम की पुत्री शांति से विवाह किया और उनका एक महान ऋषि पुत्र, दधीचि, हुआ। उन्हें भृगु वंश का सदस्य माना जाता है।

मुंडक उपनिषद और अन्य ग्रंथों के अनुसार, वे ब्रह्मा के मन से उत्पन्न हुए (मनस पुत्र) थे और उनके सबसे बड़े पुत्र थे।

विवरण:

  • नाम: अथर्वन (अथर्वन्, atharvan-)
  • पद: वैदिक ऋषि
  • कार्य: अथर्ववेद के रचयिता (अंगिरास के साथ), यज्ञ की स्थापना
  • वंश: अथर्वन
  • पत्नी: शांति (कर्दम की पुत्री)
  • पुत्र: दधीचि (महान ऋषि)
  • संबंध: भृगु वंश का सदस्य
  • उत्पत्ति: ब्रह्मा के मन से उत्पन्न (मनस पुत्र)
  • महत्व: अथर्ववेद, यज्ञ, ऋषि कुल के संस्थापक

अथर्वन के जीवन और कार्यों का वर्णन, वैदिक साहित्य में विस्तृत रूप से मिलता है। वे एक महत्वपूर्ण ऋषि थे, जिन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


Atharvan is a legendary Vedic sage (rishi) of Hinduism, who along with Angiras, is supposed to have authored ("heard") the Atharvaveda. He is also said to have first instituted the fire-sacrifice or yajña. Sometimes he is also reckoned among the seven seers, the Saptarishi. His clan is known as the Atharvanas. Atharvan married Shanti, daughter of Prajapati Kardama, and had a great sage Dadhichi as a son. He is referred to as a member of the Bhrigu clan.



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