Assaji

असाजी

Assaji

(Arahant of Gautama Buddha)

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अस्सजी: बुद्ध के प्रथम पाँच अर्हतों में से एक

अस्सजी (पालि: अस्सजी, संस्कृत: अश्वजित) गौतम बुद्ध के प्रथम पाँच अर्हत शिष्यों में से एक थे। उन्हें सारिपुत्त और महामोग्गल्लान, बुद्ध के दो प्रमुख पुरुष शिष्यों, को बौद्ध धर्म में दीक्षित करने के लिए जाना जाता है। सारिपुत्त और महामोग्गल्लान, बुद्ध के दो प्रमुख पुरुष शिष्य थे, ठीक वैसे ही जैसे खेम और उप्पलवण्णा दो प्रमुख महिला शिष्य थीं।

अस्सजी छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार में रहे थे।

अधिक जानकारी:

  • अर्हत: बौद्ध धर्म में, अर्हत वह व्यक्ति होता है जिसने निर्वाण प्राप्त कर लिया हो, अर्थात जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति पा ली हो।
  • सारिपुत्त और महामोग्गल्लान: ये दोनों बुद्ध के दाहिने और बाएं हाथ माने जाते थे। सारिपुत्त प्रज्ञा (wisdom) में श्रेष्ठ थे, जबकि महामोग्गल्लान अभिज्ञा (supernormal powers) में।
  • दीक्षित करना: बौद्ध धर्म में प्रवेश दिलाना, बौद्ध भिक्षु बनाना।

अस्सजी का जीवन और कार्य बौद्ध धर्म के प्रारंभिक प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


Assaji was one of the first five arahants of Gautama Buddha. He is known for his conversion of Sariputta and Mahamoggallana, the Buddha's two chief male disciples, counterparts to the nuns Khema and Uppalavanna, the chief female disciples. He lived in what is now Uttar Pradesh and Bihar in northern India, during the 6th century BCE.



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