
परित्ता
Paritta
(Protective scriptures in Buddhism)
Summary
Info
Image
Detail
Summary
Paritta: बुद्ध धर्म में संरक्षण और सुरक्षा
Paritta एक पाली शब्द है जिसका अर्थ है "संरक्षण" या "सुरक्षा"। बौद्ध धर्म में, Paritta एक ऐसी प्रथा है जिसमें दुर्भाग्य या खतरे को दूर करने के लिए विशेष छंदों और धर्मग्रंथों का पाठ किया जाता है। इन छंदों और ग्रंथों को भी Paritta पाठ कहा जाता है।
Paritta सूत्रों का पाठ करने या सुनने की परंपरा बौद्ध धर्म के इतिहास में बहुत पहले से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इन सूत्रों में बुद्ध के उपदेशों और आशीर्वादों का समावेश होता है जो बुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं और मन को शांत करते हैं।
Paritta के कुछ महत्वपूर्ण पहलू:
- उद्देश्य: Paritta का मुख्य उद्देश्य भय, चिंता और खतरे से मुक्ति दिलाना है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करता है।
- प्रकार: कई प्रकार के Paritta सूत्र हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशिष्ट उद्देश्य और लाभ है। कुछ प्रसिद्ध Paritta सूत्रों में शामिल हैं: महामंगल सुत्त, रतन सुत्त, करणीय मेट्ट सुत्त, आदि।
- पाठ: Paritta सूत्रों का पाठ आमतौर पर पाली भाषा में किया जाता है, लेकिन इन्हें अन्य भाषाओं में भी अनुवादित किया गया है।
- अवसर: Paritta का पाठ विशेष अवसरों पर, जैसे कि बीमारी, यात्रा, या किसी नए उद्यम की शुरुआत, पर किया जाता है।
- लाभ: Paritta का पाठ करने या सुनने से मन को शांति, सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
Paritta एक प्राचीन और शक्तिशाली बौद्ध प्रथा है जो आज भी दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा अपनाई जाती है। यह हमें याद दिलाता है कि बुद्ध, धम्म और संघ की शरण में हमें हमेशा सुरक्षा और शांति मिल सकती है।
Paritta (Pali), generally translated as "protection" or "safeguard," refers to the Buddhist practice of reciting certain verses and scriptures in order to ward off misfortune or danger, as well as to the specific verses and discourses recited as paritta texts. The practice of reciting or listening to the paritta suttas began very early in the history of Buddhism.