
टेरमा (धर्म)
Terma (religion)
(Hidden teachings in Buddhism)
Summary
तिब्बती बौद्ध धर्म में 'तेरमा' : छिपे हुए आध्यात्मिक खजाने
"तेरमा" (तिब्बती: གཏེར་མ, Wylie: gter ma) का अर्थ है "छिपा हुआ खजाना"। यह तिब्बती बौद्ध धर्म, विशेष रूप से वज्रयान न्यिंग्मा परंपरा और बॉन धर्म में महत्वपूर्ण आध्यात्मिक शिक्षाओं का एक अनूठा रूप है।
तेरमा, गुरु पद्मसंभव और उनकी शिष्या येशे त्सोग्याल द्वारा आठवीं शताब्दी में छिपाई गई शिक्षाओं को संदर्भित करता है। मान्यता है कि उन्होंने इन शिक्षाओं को भविष्य में प्रकट होने के लिए गुप्त रूप से छुपा दिया था, जब समय परिपक्व होगा और लोग उन्हें समझने के लिए तैयार होंगे।
न्यिंग्मा परंपरा में दो मुख्य वंशावली हैं:
- काम: यह मौखिक परंपरा है जहाँ शिक्षाएँ गुरु से शिष्य तक पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक रूप से हस्तांतरित होती हैं।
- तेरमा: यह रहस्योद्घाटन की परंपरा है जहाँ छिपी हुई शिक्षाएँ "तेर्तोन" नामक योग्य आध्यात्मिक सिद्धों द्वारा पुनः खोजी जाती हैं।
तेर्तोन, विशेष आध्यात्मिक क्षमताओं वाले व्यक्ति होते हैं जो इन छिपे हुए खजानों को ढूंढने और उन्हें फिर से दुनिया में लाने में सक्षम होते हैं। ये खजाने विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकते हैं, जैसे कि:
- धार्मिक ग्रंथ: प्राचीन तिब्बती भाषा में लिखे गए धार्मिक ग्रंथ
- मूर्तियाँ: विशेष ऊर्जा से युक्त मूर्तियाँ
- धार्मिक वस्तुएँ: ध्यान या अनुष्ठानों में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएँ
- ज्ञान का सीधा प्रसारण: तेर्तोन को ध्यान में ज्ञान का सीधा अनुभव
तेरमा परंपरा, वज्रयान बौद्ध धर्म में निरंतर रहस्योद्घाटन के विचार का प्रतिनिधित्व करती है। यह दर्शाता है कि आध्यात्मिक ज्ञान हमेशा उपलब्ध है, लेकिन इसे प्राप्त करने के लिए हमें तैयार रहना होगा। तेरमा, तिब्बती बौद्ध धर्म के विकास और इसके जीवंत और गूढ़ प्रकृति को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।