Alopi_Devi_Mandir

अलोपी देवी मंदिर

Alopi Devi Mandir

(Hindu Temple in Uttar Pradesh, India)

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अलोपी देवी मंदिर: एक विस्तृत विवरण (Alopi Devi Mandir: A Detailed Description)

स्थान: अलोपी देवी मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में प्रयागराज के अलोपीबाग में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह पवित्र त्रिवेणी संगम, जहाँ गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी मिलती हैं, के पास स्थित है। प्रसिद्ध कुंभ मेला भी इसी स्थान के निकट लगता है।

इतिहास:

  • मराठा साम्राज्य: कुछ ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, मराठा योद्धा श्रीनाथ महाजी शिंदे ने 1771-1772 में प्रयागराज में अपने प्रवास के दौरान संगम स्थल का विकास करवाया था।

  • रानी बैज़ा बाई: 1800 के दशक में, महारानी बैज़ा बाई सिंधिया ने प्रयागराज में संगम घाटों और मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए काम किया था।

मंदिर की खासियत:

  • अलोपी देवी की डोली: इस मंदिर की खास बात यह है कि यहाँ किसी देवी-देवता की मूर्ति नहीं है, बल्कि एक लकड़ी की पालकी या 'डोली' की पूजा की जाती है।

नाम की उत्पत्ति:

  • पौराणिक मान्यता: 'अलोपी बाग' नाम की उत्पत्ति हिंदू मान्यता से जुड़ी है। मान्यता है कि अपनी पत्नी सती की मृत्यु के बाद, दुखी शिव उनका शव लेकर आकाश मार्ग से जा रहे थे। विष्णु ने शिव को इस पीड़ा से मुक्त करने के लिए, उनके शरीर पर अपना चक्र फेंका, जिससे शरीर के विभिन्न भाग भारत के अलग-अलग स्थानों पर गिर गए। ये सभी स्थान देवी के शरीर के अंगों के स्पर्श से पवित्र हो गए और तीर्थ स्थल माने जाने लगे। माना जाता है कि आखिरी अंग इस स्थान पर गिरा था, इसलिए इसे "अलोपी" (जहां अंत हुआ) नाम दिया गया। हालांकि, यह दावा बहस का विषय है क्योंकि प्रयागराज में केवल एक शक्तिपीठ है जो ललिता देवी मंदिर है जहाँ सती की उंगलियां गिरी थीं।

  • स्थानीय मान्यता: एक और अधिक विश्वसनीय संस्करण इस क्षेत्र के पुराने निवासियों द्वारा बताई गई मौखिक इतिहास परंपराओं में मिलता है। यह उस समय की बात है जब पूरा क्षेत्र घने जंगलों से आच्छादित था जो खूंखार डाकुओं से भरा हुआ था। एक बार एक विवाह यात्रा उस जंगल से गुजर रही थी। मध्ययुगीन काल में, विवाह के जुलूस लुटेरों के सबसे आसान शिकार हुआ करते थे क्योंकि वे उपहार में मिले सोने और अन्य धन से लदे होते थे। जंगल में घुसते ही, विवाह मंडली ने खुद को लुटेरों से घिरा पाया। सभी पुरुषों को मारने और धन लूटने के बाद डाकू दुल्हन की 'डोली' की ओर मुड़े। जब उन्होंने डोली का घूंघट हटाया तो उन्होंने पाया कि अंदर कोई नहीं था। दुल्हन जादुई रूप से गायब हो चुकी थी। यह बात फैल गई, इतिहास किंवदंती बन गई और किंवदंती मिथक बन गई। जिस स्थान पर यह घटना घटी वहां एक मंदिर बना और स्थानीय लोगों ने दुल्हन को "अलोपी देवी" या 'गायब हुई कुंवारी देवी' के रूप में पूजना शुरू कर दिया।

आस्था का केंद्र: अलोपी देवी की पूजा आज भी इस क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोग करते हैं जो अपने हर त्योहार, विवाह, जन्म और मृत्यु को अपनी रक्षक देवी के साथ साझा करते हैं।

मंदिर का विकास: हालांकि यह हमेशा से पड़ोस का एक प्रमुख मंदिर रहा है, 1990 के दशक से इसकी पहुँच और अनुयायियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है जिसके कारण आसपास के क्षेत्र का बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार हुआ है।


Alopi Devi Mandir is a temple situated in Alopibagh in Prayagraj in state of Uttar Pradesh, India. It is near to the holy Sangam, or confluence, where the rivers Ganges, Yamuna and the legendary Sarasvati meet. Kumbh Mela is near to this place.



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