Ashoka

अशोक

Ashoka

(Emperor of India from 268 to 232 BCE)

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अशोक महान: एक विस्तृत विवरण

अशोक (लगभग 304 - 232 ईसा पूर्व), जिन्हें अशोक महान के नाम से भी जाना जाता है, तीसरे मौर्य सम्राट थे। उन्होंने लगभग 268 से 232 ईसा पूर्व तक भारतीय उपमहाद्वीप के एक विशाल भूभाग पर शासन किया था। उनका साम्राज्य, जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज का पटना) थी, पश्चिम में वर्तमान अफगानिस्तान से लेकर पूर्व में वर्तमान बांग्लादेश तक फैला हुआ था।

अशोक को बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है। उनके शिलालेख बताते हैं कि अपने आठवें शासनकाल (लगभग 260 ईसा पूर्व) में, उन्होंने एक भयानक युद्ध के बाद कलिंग (वर्तमान ओडिशा) पर विजय प्राप्त की थी। इस युद्ध की विभीषिका को देखकर अशोक का ह्रदय परिवर्तित हो गया और उन्होंने अहिंसा और धम्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

अशोक के शिलालेख बताते हैं कि कलिंग युद्ध के कुछ वर्षों बाद, वे धीरे-धीरे बौद्ध धर्म की ओर आकर्षित हुए। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार, अशोक ने बड़ी संख्या में स्तूपों का निर्माण करवाया, तीसरी बौद्ध संगीति को संरक्षण प्रदान किया, बौद्ध भिक्षुओं का समर्थन किया और संघ को उदार दान दिया।

19वीं शताब्दी में ब्राह्मी लिपि के शिलालेखों को पढ़े जाने तक इतिहास में अशोक को लगभग भुला दिया गया था। लेकिन आज उन्हें भारत के महानतम सम्राटों में से एक माना जाता है। आधुनिक भारत गणराज्य का राजचिह्न अशोक के सिंह स्तंभ से लिया गया है। अशोक चक्र, जो अशोक स्तंभ का हिस्सा है, को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के केंद्र में स्थान दिया गया है।

अशोक के शासनकाल को कुछ प्रमुख बिंदुओं में समझें:

  • विशाल साम्राज्य: अशोक का साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में फैला हुआ था।
  • कलिंग युद्ध: इस युद्ध ने अशोक के जीवन और शासनकाल को बदल दिया।
  • धम्म का प्रचार: अशोक ने अपने शिलालेखों और दूतों के माध्यम से धम्म का प्रचार-प्रसार किया।
  • बौद्ध धर्म का संरक्षण: उन्होंने बौद्ध धर्म को राजकीय संरक्षण प्रदान किया और उसके प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • सार्वभौमिक नैतिकता: अशोक का धम्म सभी धर्मों और जातियों के लिए था।
  • शिलालेख: अपने शासनकाल, विचारों और नीतियों को जनता तक पहुँचाने के लिए अशोक ने कई शिलालेख खुदवाए।

अशोक ना केवल एक महान सम्राट थे, बल्कि एक दूरदर्शी शासक, कुशल प्रशासक और अहिंसा के पुजारी भी थे। उनके शासनकाल को प्राचीन भारत के स्वर्णिम युग में से एक माना जाता है।


Ashoka, popularly known as Ashoka the Great, was the third Mauryan Emperor of Magadha in the Indian subcontinent during c. 268 to 232 BCE. His empire covered the largest part of the Indian subcontinent, stretching from present-day Afghanistan in the west to present-day Bangladesh in the east, with its capital at Pataliputra. A patron of Buddhism, he is credited with playing an important role in the spread of Buddhism across ancient Asia.



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