
नमस्ते
Namaste
(Customary Hindu greeting)
Summary
नमस्ते: एक विनम्र अभिवादन
"नमस्ते" ([nɐmɐsteː]), जिसे कभी-कभी "नमस्कार" और "नमस्कारम्" भी कहा जाता है, एक पारंपरिक हिंदू अभिवादन है जो दिन के किसी भी समय किसी व्यक्ति या समूह का सम्मानपूर्वक अभिवादन और सम्मान करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप और भारतीय और नेपाली प्रवासियों में किया जाता है।
अर्थ और भावना:
"नमस्ते" दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है: "नमः" जिसका अर्थ है "झुकना" या "प्रणाम" और "ते" जिसका अर्थ है "आपको"। इस प्रकार, नमस्ते का शाब्दिक अर्थ है "मैं आपको प्रणाम करता हूँ"।
यह अभिवादन सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक गहरी भावना को व्यक्त करता है। यह कहने का एक तरीका है कि "मैं आपके भीतर मौजूद दिव्यता को पहचानता हूँ" या "आपके अंदर का प्रकाश मेरे अंदर के प्रकाश को प्रणाम करता है"।
मुद्रा और शारीरिक हावभाव:
नमस्ते आमतौर पर हल्के से झुककर और हाथों को आपस में जोड़कर बोला जाता है, हथेलियां एक दूसरे को छूती हैं और उंगलियां ऊपर की ओर इशारा करती हैं, अंगूठे छाती के करीब होते हैं। इस मुद्रा को अंजलि मुद्रा कहा जाता है; इस मुद्रा के साथ खड़े होने की मुद्रा को प्रणामासन कहा जाता है।
महत्व और उपयोग:
नमस्ते एक बहुत ही बहुमुखी अभिवादन है जिसका उपयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है। इसका उपयोग किसी से मिलते समय, उनका अभिवादन करते समय, उनका धन्यवाद करते समय या उनसे विदाई लेते समय किया जा सकता है। यह औपचारिक और अनौपचारिक दोनों ही स्थितियों में उचित है।
भारतीय संस्कृति में, नमस्ते को सम्मान और विनम्रता का प्रतीक माना जाता है। यह एक दूसरे के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुंदर और सार्थक तरीका है।