अस्त्र (हथियार)
Astra (weapon)
(Supernatural weapon in Hinduism)
Summary
अस्त्र: हिन्दू महाकाव्यों में दिव्य अस्त्र
हिन्दू महाकाव्यों में अस्त्र (Sanskrit: अस्त्र) एक दिव्य हथियार है। यह एक विशिष्ट देवता द्वारा संरक्षित होता है और इसमें आध्यात्मिक और गुप्त शक्तियाँ होती हैं। इस शब्द का उपयोग किसी भी हथियार के लिए किया जाता है जिसे हाथ से छोड़ा जाता है (जैसे तीर), जबकि तलवार जैसी चीजों को हाथ में पकड़कर इस्तेमाल किया जाता है।
अस्त्र शब्द संस्कृत के "अस्त्र" (astra) से लिया गया है, जिसका अर्थ है "हथियार"।
अस्त्रधारी (Sanskrit: अस्त्रधारी) एक ऐसा व्यक्ति होता है जो अस्त्र का धारक होता है।
अस्त्रों की विशेषताएँ:
- दिव्य शक्ति: अस्त्रों में असाधारण शक्ति होती है जो देवताओं द्वारा प्रदत्त होती है।
- विनाशकारी क्षमता: ये हथियार विनाशकारी क्षमता रखते हैं और अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकते हैं।
- विशिष्ट उपयोग: प्रत्येक अस्त्र का एक विशिष्ट उपयोग होता है और यह एक विशिष्ट देवता से जुड़ा होता है।
- मंत्रों द्वारा नियंत्रण: अस्त्रों को मंत्रों और यंत्रों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
प्रसिद्ध अस्त्र:
- ब्रह्मास्त्र: ब्रह्मा द्वारा दिया गया अस्त्र जो अत्यंत शक्तिशाली है।
- पशुपति अस्त्र: शिव का अस्त्र जो अजेय है।
- वायुव्य: वायु देवता द्वारा दिया गया अस्त्र जो हवा की शक्ति का उपयोग करता है।
- अग्नि अस्त्र: अग्नि देवता द्वारा दिया गया अस्त्र जो आग की शक्ति का उपयोग करता है।
हिन्दू महाकाव्यों में अस्त्रों का उल्लेख महत्वपूर्ण है क्योंकि वे युद्धों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं और नायकों की शक्ति का प्रतीक होते हैं। अस्त्रों का उपयोग न केवल युद्ध के लिए बल्कि रक्षा के लिए भी किया जाता है।