
मध्य एशिया में बौद्ध धर्म
Buddhism in Central Asia
(Overview of the historic Buddhist presence in Central Asia)
Summary
मध्य एशिया में बौद्ध धर्म: विस्तृत विवरण
मध्य एशिया में बौद्ध धर्म का इतिहास रेशम मार्ग से जुड़ा है। पहले सहस्राब्दी ईस्वी में इसी मार्ग से बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ। यहाँ मुख्यतः महायान बौद्ध धर्म का प्रचलन था, खासकर रेशम मार्ग के आसपास के इलाकों में।
विस्तृत विवरण:
रेशम मार्ग और बौद्ध धर्म का प्रसार: रेशम मार्ग व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग था जो चीन को मध्य एशिया, भारत और यूरोप से जोड़ता था। इस मार्ग से होकर व्यापारियों, भिक्षुओं और यात्रियों का आवागमन होता था, जिससे बौद्ध धर्म के विचारों और शिक्षाओं का प्रसार हुआ।
महायान बौद्ध धर्म का प्रचलन: महायान बौद्ध धर्म, बौद्ध धर्म की एक शाखा है जो बोधिसत्व के आदर्शों पर जोर देती है। बोधिसत्व वे व्यक्ति होते हैं जिन्होंने सभी प्राणियों के कल्याण के लिए बुद्धत्व प्राप्ति का मार्ग चुना है।
मध्य एशिया में बौद्ध धर्म का प्रभाव: बौद्ध धर्म का मध्य एशिया की कला, संस्कृति और वास्तुकला पर गहरा प्रभाव पड़ा। यहाँ कई बौद्ध मठों और स्तूपों का निर्माण हुआ, जिनमें से कुछ आज भी देखे जा सकते हैं।
बौद्ध धर्म का पतन: 7 वीं शताब्दी ईस्वी में इस्लाम के आगमन के साथ ही मध्य एशिया में बौद्ध धर्म का पतन शुरू हो गया। धीरे-धीरे इस्लाम यहाँ का प्रमुख धर्म बन गया।
संक्षेप में, रेशम मार्ग ने मध्य एशिया में बौद्ध धर्म के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महायान बौद्ध धर्म का यहाँ व्यापक प्रभाव था, जिसके प्रमाण आज भी कला, संस्कृति और वास्तुकला में देखे जा सकते हैं।