
दिगम्बर तेरापंथ
Digambara Terapanth
(Sub-tradition of Digambara Jainism)
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दिगंबर तेरापंथ: जैन धर्म का एक संप्रदाय
दिगंबर तेरापंथ, जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय का एक भाग है, दूसरा भाग बिसपंथी संप्रदाय है। इसका जन्म 12वीं से 16वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान हुआ था। यह उस समय के पारंपरिक धार्मिक नेताओं, भट्टारकों के धार्मिक प्रभुत्व के सख्त विरोध में उभरा था। तेरापंथियों का मानना था कि भट्टारक मूल जैन रीति-रिवाजों से भटक गए थे।
तेरापंथी लोग विभिन्न छोटे देवी-देवताओं की पूजा का विरोध करते हैं। तेरापंथियों की कुछ प्रथाएं, जैसे पूजा में फूलों का प्रयोग न करना, धीरे-धीरे उत्तर भारतीय जैन धर्म के अधिकांश हिस्सों में भी फैल गईं।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु विस्तार से बताए गए हैं:
- भट्टारकों का प्रभुत्व: उस समय भट्टारक जैन समाज में बहुत प्रभावशाली थे। वे धार्मिक मामलों में सर्वोच्च अधिकारी माने जाते थे और उनका आदेश कानून के समान होता था।
- मूल जैन रिवाजों से विचलन: तेरापंथियों का मानना था कि भट्टारक मूल जैन ग्रंथों और सिद्धांतों से भटक गए थे। वे अनावश्यक रीति-रिवाजों और कर्मकांडों को बढ़ावा दे रहे थे जो जैन धर्म के मूल सिद्धांतों के विपरीत थे।
- छोटे देवी-देवताओं की पूजा का विरोध: तेरापंथी केवल तीर्थंकरों (जैन धर्म के 24 आध्यात्मिक गुरु) की पूजा में विश्वास रखते थे। उनका मानना था कि अन्य देवी-देवताओं की पूजा करना जैन धर्म के अहिंसा के सिद्धांत के विरुद्ध है।
- पूजा में फूलों का प्रयोग न करना: तेरापंथी पूजा में फूलों का उपयोग नहीं करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे पेड़-पौधों को नुकसान पहुँचता है और यह अहिंसा के सिद्धांत के विरुद्ध है।
संक्षेप में, तेरापंथी जैन धर्म का एक सुधारवादी संप्रदाय है जो जैन धर्म के मूल सिद्धांतों और सादगी पर जोर देता है।
Digambara Terapanth is one of the sects of Digambara Jainism, the other being the Bispanthi sect. It formed out of strong opposition to the religious domination of traditional religious leaders called bhattarakas during the 12th-16th century A.D, for the bhattarakas starting deviating from the original/Mula jain customs. They oppose the worship of various minor gods and goddesses. Some Terapanthi practices, like not using flowers in worship, gradually spread throughout most of North Indian Jainism as well.