
रविदास
Ravidas
(13th-century Indian mystic poet-saint of the Bhakti movement)
Summary
रविदास: एक महान संत और समाज सुधारक (अधिक विस्तृत विवरण के साथ)
रविदास या रायदास (१२६७-१३३५) १५वीं से १६वीं शताब्दी के दौरान भक्ति आंदोलन के एक भारतीय रहस्यवादी कवि-संत थे। उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे आधुनिक क्षेत्रों में गुरु (आध्यात्मिक शिक्षक) के रूप में पूजा जाता है। वे एक महान कवि, समाज सुधारक और आध्यात्मिक हस्ती थे।
रविदास जी के जीवन के बारे में निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है और कई मतभेद हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि उनका जन्म १४३३ ईस्वी में हुआ था। उन्होंने जाति और लिंग के आधार पर सामाजिक विभाजन को दूर करने का उपदेश दिया और व्यक्तिगत आध्यात्मिक मुक्ति की खोज में एकता को बढ़ावा दिया।
रविदास जी के भक्ति गीतों को गुरु ग्रंथ साहिब नामक सिख धर्मग्रंथ में शामिल किया गया है। हिंदू धर्म के भीतर दादू पंथी परंपरा के पंच वाणी ग्रंथ में भी रविदास जी की कई कविताएँ शामिल हैं। वह रविदास्सिया धार्मिक आंदोलन के भी केंद्रीय व्यक्ति हैं।
आइए रविदास जी के बारे में कुछ और जानते हैं:
जन्म और प्रारंभिक जीवन: रविदास जी का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम संतोख दास और माता का नाम कलसा देवी था। रविदास जी बचपन से ही आध्यात्मिक रूप से जागृत थे और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाते थे।
शिक्षाएँ: रविदास जी ने एकेश्वरवाद और मानवता की एकता का प्रचार किया। उन्होंने जाति व्यवस्था, कर्मकांड और अंधविश्वास का विरोध किया। उनका मानना था कि ईश्वर एक है और सभी मनुष्य उसके बच्चे हैं।
रचनाएँ: रविदास जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों पर प्रहार किया और लोगों को सच्चाई और प्रेम का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं - 'बेगमपुरा', 'अब तो जगा रे मेरे मन' और 'ऐसी वाणी बोलिये मन का आपा खोए'।
प्रभाव: रविदास जी ने अपने विचारों और उपदेशों से लाखों लोगों को प्रभावित किया। उनके अनुयायी आज भी पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। भारत में कई जगहों पर उनके मंदिर स्थापित हैं जहाँ लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
संक्षेप में, रविदास जी एक महान संत, समाज सुधारक और कवि थे जिन्होंने मानवता, समानता और प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने समाज के दबे-कुचले वर्ग को आवाज दी और लोगों को आध्यात्मिक जागृति का मार्ग दिखाया।