Gandiva

गांडीव

Gandiva

(Celestial bow of Arjuna)

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गांडीव - अर्जुन का दिव्य धनुष

गांडीव (IAST: Gāṇḍīva; संस्कृत: गाण्डीव) हिंदू महाकाव्य महाभारत के पात्रों में से एक, पांडवों के अर्जुन का दिव्य धनुष है। यह धनुष ब्रह्मा द्वारा बनाया गया था।

गांडीव अर्जुन के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण हथियार था, और इसके साथ अर्जुन ने कई युद्धों में विजय प्राप्त की। धनुष के गुणों के बारे में कई कहानियां हैं, जिनमें से कुछ यह बताती हैं कि यह कभी नहीं टूटा और हमेशा सही लक्ष्य पर निशाना लगाता था।

गांडीव की उत्पत्ति के बारे में कई किंवदंतियां हैं। एक कहानी के अनुसार, जब अर्जुन ने भगवान शिव को खुश करने के लिए तपस्या की, तो शिव ने उन्हें गांडीव और अमोघ बाण दिए। दूसरी कहानी के अनुसार, ब्रह्मा ने यह धनुष अर्जुन को दिया था ताकि वह कुंती के पांचों पुत्रों को दुर्योधन और उसके कौरवों से रक्षा कर सके।

गांडीव की शक्ति और प्रभावशीलता महाभारत युद्ध में साफ तौर पर दिखाई देती है। अर्जुन ने अपने दिव्य धनुष और बाणों से कई कौरव योद्धाओं को परास्त किया, और कौरवों की सेना को भारी नुकसान पहुंचाया।

गांडीव का उल्लेख कई हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है, और यह हिंदू संस्कृति और पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।

गांडीव के प्रमुख गुण:

  • अदम्य शक्ति: गांडीव हमेशा सही लक्ष्य पर निशाना लगाता था और कभी नहीं टूटा।
  • दिव्य शक्ति: यह धनुष ब्रह्मा द्वारा बनाया गया था, और इसमें अलौकिक शक्ति थी।
  • अमोघ बाण: गांडीव के साथ अर्जुन को अमोघ बाण भी मिले, जो अपने लक्ष्य को कभी नहीं चूकते थे।
  • प्रतीकवाद: गांडीव धनुष शक्ति, निपुणता, और दिव्य कृपा का प्रतीक है।

गांडीव अर्जुन के लिए न केवल एक हथियार था, बल्कि एक दिव्य उपहार भी था जो उसे उसकी शक्ति और योग्यता में मदद करता था। यह हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, जो धर्म, न्याय और पवित्रता का प्रतीक है।


Gandiva is a divine bow of Arjuna, one of the Pandavas from the Hindu epic Mahabharata. The bow was made by Brahma.



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