Songtsen_Gampo

सोंगत्सेन गम्पो

Songtsen Gampo

(Tibetan king and founder of the Tibetan Empire)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

सोंगत्सन गम्पो: तिब्बत के धर्मराज और साम्राज्य निर्माता

सोंगत्सन गम्पो (तिब्बती: སྲོང་བཙན་སྒམ་པོ, Wylie: srong btsan sgam po, ZYPY: Songzän Gambo) यारलुंग राजवंश के 33वें तिब्बती राजा थे जिन्होंने तिब्बती साम्राज्य की स्थापना की। उन्हें तिब्बत के तीन धर्म राजाओं में से पहला माना जाता है जिन्होंने औपचारिक रूप से तिब्बत में बौद्ध धर्म की शुरुआत की। अपनी नेपाली रानी भृकुटी, जो नेपाल के लिच्छवि वंश से थीं, के प्रभाव से उन्होंने जोखांग मंदिर का निर्माण करवाया।

प्रारंभिक जीवन और राज्याभिषेक:

  • उनकी माता का नाम रानी द्रीज़ा थोकर (तिब्बती: འབྲི་བཟའ་ཐོད་དཀར་, Wylie: 'bri bza' thod dkar, ZYPY: Zhisa Tögar) था।
  • उनके जन्म और राज्याभिषेक की सही तारीख निश्चित नहीं है।
  • तिब्बती मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म तिब्बती कैलेंडर के बैल वर्ष में हुआ था।
  • माना जाता है कि उन्होंने तेरह वर्ष की आयु में, लगभग 618 ईस्वी में, राजगद्दी संभाली।
  • कुछ इतिहासकार उनके जन्म की तिथि 569, 593 या 605 ईस्वी मानते हैं।

उपलब्धियाँ:

  • सोंगत्सन गम्पो ने कई तिब्बती राज्यों को एकीकृत किया और तिब्बत से सटे क्षेत्रों को जीत लिया।
  • उन्होंने ल्हासा में लाल किले को अपनी राजधानी बनाया।
  • उनके मंत्री थोनमी सम्भोटा ने तिब्बती लिपि और शास्त्रीय तिब्बती भाषा का निर्माण किया, जो तिब्बत की पहली साहित्यिक और बोलचाल की भाषा थी।

धार्मिक महत्व:

  • सोंगत्सन गम्पो ने तिब्बत में बौद्ध धर्म को राजकीय धर्म के रूप में स्थापित किया।
  • उन्होंने नेपाल और चीन से बौद्ध ग्रंथों और विद्वानों को तिब्बत आमंत्रित किया।
  • उनके शासनकाल में तिब्बत में कई बौद्ध मंदिरों और विहारों का निर्माण हुआ।

सोंगत्सन गम्पो को तिब्बत के इतिहास में एक महान सम्राट और धार्मिक नेता के रूप में याद किया जाता है। उनके शासनकाल को तिब्बती संस्कृति और सभ्यता के विकास का स्वर्णिम युग माना जाता है।


Songtsen Gampo, also Songzan Ganbu, was the 33rd Tibetan king of the Yarlung dynasty and he established the Tibetan Empire. As the first of three Dharma Kings of Tibet, he formally introduced Buddhism to Tibet, and built the Jokhang with the influence of his Nepali queen Bhrikuti, of Nepal's Licchavi dynasty. He unified several Tibetan kingdoms, conquored lands adjacent to Tibet, and moved the capitol to the Red Fort in Lhasa. His minister Thonmi Sambhota created the Tibetan script and Classical Tibetan, the first literary and spoken language of Tibet.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙