
हिनायान
Hinayana
(Contentious term for numerous schools in Buddhism that did not embrace Mahayāna teachings)
Summary
हीनयान: एक अपमानजनक और भ्रामक शब्द
"हीनयान" एक संस्कृत शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है "छोटा/हीन वाहन" या "छोटा मार्ग"। यह शब्द पहली या दूसरी शताब्दी के आसपास प्रचलित हुआ था। इसका उपयोग शुरुआती बौद्ध धर्म के दो मार्गों - श्रावकयान और प्रत्येकबुद्धयान - के लिए सामूहिक रूप से किया जाता था।
हीनयान शब्द को अक्सर महायान के विपरीत प्रस्तुत किया जाता था, जिसका अर्थ है "महान वाहन"। शुरुआती पश्चिमी विद्वानों ने बौद्ध धर्म के शुरुआती सिद्धांतों का वर्णन करने के लिए हीनयान शब्द का इस्तेमाल किया (और महायान को बाद का विकास माना)।
हालाँकि, आधुनिक बौद्ध विद्वान इस शब्द को अपमानजनक मानते हैं और इसका प्रयोग नहीं करते हैं। वे शुरुआती बौद्ध स्कूलों को निकाय बौद्ध धर्म कहते हैं।
हीनयान शब्द क्यों अनुपयुक्त है?
- अपमानजनक: "हीन" शब्द का अर्थ "छोटा" या "कमतर" होता है, जो शुरुआती बौद्ध परंपराओं के प्रति अनादर दर्शाता है।
- भ्रामक: यह शब्द भ्रामक है क्योंकि यह श्रावकयान और प्रत्येकबुद्धयान के बीच के महत्वपूर्ण अंतरों को नजरअंदाज कर देता है।
- गलत धारणा: हीनयान को अक्सर थेरवाद के पर्यायवाची के रूप में गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, जो कि श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में बौद्ध धर्म की मुख्य परंपरा है।
निष्कर्ष:
"हीनयान" एक अपमानजनक और भ्रामक शब्द है जिसका उपयोग बौद्ध धर्म की शुरुआती परंपराओं का वर्णन करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।