Ik_Onkar

इक ओंकार

Ik Onkar

(Religious phrase in Sikhism)

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सिख धर्म में "इक ओंकार" का महत्व

"इक ओंकार" सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण वाक्यांश है जो गुरु ग्रंथ साहिब के पहले शब्द भी हैं। यह वाक्यांश गुरुमुखी लिपि में लिखा जाता है और इसका अर्थ "एक ओंकार" या "एक ईश्वर" है। यह सिख धर्म के मूल सिद्धांतों में से एक है जो एक सर्वोच्च वास्तविकता को दर्शाता है।

"इक ओंकार" शब्दों का विस्तृत विश्लेषण:

  • इक: यह शब्द गुरुमुखी लिपि में 1 के लिए इस्तेमाल होने वाला प्रतीक है। यह "केवल एक" का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी तुलना किसी और से नहीं की जा सकती। यह उस एकमात्र सत्ता को दर्शाता है जो अद्वितीय और अतुलनीय है।
  • ओंकार: यह शब्द "ॐ" ध्वनि से संबंधित है, जो ब्रह्मांड के निर्माण और सृजन का प्रतिनिधित्व करता है। यह ईश्वर के सर्वशक्तिमान स्वरूप और ब्रह्मांड के सृजनकर्ता होने की बात को दर्शाता है।

"इक ओंकार" का अर्थ:

"इक ओंकार" का अर्थ है कि केवल एक ही ईश्वर है, जो सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी है। यह ईश्वर के सर्वोच्च स्वरूप को दर्शाता है जो अदृश्य है, परम शक्ति है, पवित्र शब्द है, और जिसके द्वारा सारा ब्रह्मांड अस्तित्व में आया है।

सिख धर्म में "इक ओंकार" का महत्व:

"इक ओंकार" सिख धर्म के हर पहलू में मौजूद है। यह गुरुद्वारों की दीवारों पर खुदा होता है और सभी सिख धार्मिक ग्रंथों में इसे प्रमुखता से दर्शाया गया है। यह सिख धर्म की आधारशिला है जो सर्वोच्च वास्तविकता और ईश्वर के एकमात्र स्वरूप पर जोर देती है।

निष्कर्ष:

"इक ओंकार" एक सरल शब्द है, लेकिन इसके पीछे एक गहरा अर्थ छिपा है। यह शब्द सिख धर्म की आध्यात्मिक नींव को दर्शाता है और सिखों को सर्वोच्च सत्ता के प्रति उनकी निष्ठा को याद दिलाता है।


Ik Onkar, also spelled Ek Onkar or Ik Oankaar ; literally, "one Om", hence interpreted as "There is only one God or one Creator") is a phrase in Sikhism that denotes the one supreme reality. It is a central tenet of Sikh religious philosophy.



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