Damdami_Taksal

दमदमी टकसाल

Damdami Taksal

(Sikh cultural and educational organization)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

दमदमी टकसाल: सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र

दमदमी टकसाल, जिसे कभी-कभी गियानी संप्रदा, जथे भिंडरा(न), या संप्रदाई भिंडरा(न) के रूप में भी जाना जाता है, भारत में स्थित एक रूढ़िवादी खालसा सिख सांस्कृतिक और शैक्षणिक संगठन है। वे विद्या के साथ-साथ गुरबाणी संथिया की शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। इसका मुख्यालय मेहता चौक शहर में स्थित है, जो अमृतसर शहर से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर में है। इसे सिख ग्रामीण इलाकों का एक मदरसा या "चलता-फिरता विश्वविद्यालय" बताया गया है।

विवरण:

  • स्थापना: दमदमी टकसाल की स्थापना 18वीं सदी में बाबा दीप सिंह ने की थी।
  • उद्देश्य: संगठन का उद्देश्य सिख धर्म और संस्कृति को संरक्षित और प्रसारित करना है।
  • शिक्षा: दमदमी टकसाल में सिख धर्म, इतिहास, संस्कृति, और गुरबाणी की शिक्षा दी जाती है।
  • प्रशिक्षण: संगठन अस्त्र-शस्त्र के प्रशिक्षण पर भी जोर देता है, जो सिख धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • सिख आंदोलन: दमदमी टकसाल 1980 के दशक में भारत के सिख आंदोलन से जुड़ा था।
  • विवाद: दमदमी टकसाल को हिंसा और अलगाववादी विचारधारा के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।

दमदमी टकसाल आज भी सिख धर्म के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह संगठन सिख धर्म और संस्कृति को संरक्षित करने और प्रसारित करने के लिए प्रतिबद्ध है।


The Damdamī Ṭaksāl, also sometimes referred to as Giani Samparda, Jatha Bhindra(n), or Sampardai Bhindra(n) is an orthodox Khalsa Sikh cultural and educational organization, based in India. They are known for their teachings of vidya as well as gurbani santhiya. Its headquarters are located in the town of Mehta Chowk, approximately 40 km north of the city of Amritsar. It has been described as a seminary or “moving university” of the Sikh countryside.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙