Battle_of_Bhangani

भंगाणी का युद्ध

Battle of Bhangani

(1686 - 1688 conflict)

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भांगानी का युद्ध: गुरु गोबिंद सिंह की पहली लड़ाई

18 सितंबर 1686 या 1688 को, पौंटा साहिब के पास भांगानी में, गुरु गोबिंद सिंह की सेना और बिलासपुर के भीम चंद (काहलूर) के बीच भांगानी का युद्ध लड़ा गया। यह गुरु गोबिंद सिंह, दसवें सिख गुरु की उम्र के 19 वर्ष की आयु में लड़ी गई पहली लड़ाई थी।

युद्ध के पीछे का कारण:

  • बिलासपुर के राजा भीम चंद ने पौंटा साहिब में गुरु गोबिंद सिंह के लिए आवंटित भूमि को जब्त करने की कोशिश की, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच विवाद पैदा हो गया।
  • भीम चंद को शिवालिक पहाड़ियों के राजपूत राजाओं का समर्थन प्राप्त था, जिनमें गढ़वाल और कांगड़ा के राज्य शामिल थे।

युद्ध का विवरण:

  • गुरु गोबिंद सिंह, अपने पिता गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं के अनुसार, धर्म और सत्य के लिए लड़ने के लिए तैयार थे।
  • गुरु गोबिंद सिंह ने युद्ध में हिस्सा लिया और अपने सिख योद्धाओं का नेतृत्व किया।
  • गुरु गोबिंद सिंह की सेना ने बिलासपुर की सेना को हरा दिया, और भीम चंद को हार का सामना करना पड़ा।

युद्ध का परिणाम:

  • भांगानी का युद्ध गुरु गोबिंद सिंह की जीत के साथ समाप्त हुआ।
  • इस लड़ाई ने गुरु गोबिंद सिंह के साहस और युद्ध कौशल को प्रदर्शित किया।
  • इस युद्ध ने सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक बन गया, क्योंकि यह उनकी लड़ाई शक्ति और धर्म के लिए प्रतिबद्धता का प्रमाण था।

"बीचिट्र नाटक" में वर्णन:

  • "बीचिट्र नाटक", गुरु गोबिंद सिंह द्वारा लिखी गई आत्मकथा, इस युद्ध का एक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है।
  • "बीचिट्र नाटक" में युद्ध के दृश्य, रणनीति, और गुरु गोबिंद सिंह के बहादुरी का वर्णन है।

निष्कर्ष:

भांगानी का युद्ध, गुरु गोबिंद सिंह के जीवन का एक महत्वपूर्ण प्रकरण था, जिसने सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह लड़ाई उनके साहस, धर्म के लिए प्रतिबद्धता और युद्ध कौशल का प्रमाण है।


The Battle of Bhangani was fought between Guru Gobind Singh's army and Bhim Chand (Kahlur) of Bilaspur on 18 September 1686 or 1688, at Bhangani near Paonta Sahib. An alliance of Rajput Rajas of the Shivalik Hills participated in the engagement on behalf of Bhim Chand of Bilaspur State's side, including the states of Garhwal and Kangra. It was the first battle Guru Gobind Singh, the tenth Sikh Guru, fought at the age of 19.



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