
भारतीय धर्म
Indian religions
(Religions that originated on the Indian subcontinent)
Summary
भारतीय धर्म: एक विस्तृत विवरण (Indian Religions: A Detailed Description)
परिचय
भारतीय धर्म, जिन्हें धार्मिक धर्म या भारतीय धर्म भी कहा जाता है, वे धर्म हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुए थे। इन धर्मों में बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म शामिल हैं, जिन्हें पूर्वी धर्म के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है। हालाँकि भारतीय धर्म भारत के इतिहास से जुड़े हुए हैं, लेकिन वे धार्मिक समुदायों की एक विस्तृत श्रृंखला का गठन करते हैं, और केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं हैं।
प्राचीन इतिहास
प्रागैतिहासिक धर्म (Prehistoric Religion): भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागैतिहासिक धर्म के प्रमाण मेसोलिथिक काल की चट्टानों पर बने चित्रों से मिलते हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization): 3300 से 1300 ईसा पूर्व (परिपक्व काल 2600-1900 ईसा पूर्व) तक चली सिंधु घाटी सभ्यता के हड़प्पा लोगों की एक प्रारंभिक नगरीय संस्कृति थी जो वैदिक धर्म से पहले की है।
वैदिक काल (Vedic Period) (लगभग 1750 - 500 ईसा पूर्व)
भारतीय धर्मों का लिखित इतिहास ऐतिहासिक वैदिक धर्म से शुरू होता है। यह प्रारंभिक इंडो-ईरानियों की धार्मिक प्रथाएं थीं, जिन्हें बाद में वेदों में एकत्रित और संपादित किया गया था। इस काल में द्रविड़ परंपरा से आगम साहित्य का भी विकास हुआ। वेदों के दार्शनिक भागों को उपनिषदों में संक्षेपित किया गया था, जिन्हें आमतौर पर वेदांत कहा जाता है। वेदांत का अर्थ "वेद के अंतिम अध्याय" या "वेद का उद्देश्य" दोनों रूप में लिया जाता है।
श्रमण काल (Shramana Period) (800 - 200 ईसा पूर्व)
यह काल वैदिक हिंदू धर्म और पुराणिक हिंदू धर्म के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ था। श्रमण आंदोलन, वैदिक परंपरा के समानांतर लेकिन उससे अलग एक प्राचीन भारतीय धार्मिक आंदोलन था। इसने अक्सर आत्मा (आत्man) और परम वास्तविकता (ब्रह्मन) की कई वैदिक और उपनिषदिक अवधारणाओं का खंडन किया।
जैन धर्म और बौद्ध धर्म का उदय: छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, श्रमण आंदोलन जैन धर्म और बौद्ध धर्म के रूप में विकसित हुआ।
आस्तिक और नास्तिक दर्शन: श्रमण आंदोलन के कारण भारतीय धर्मों का दो मुख्य दार्शनिक शाखाओं में विभाजन हुआ: आस्तिक, जो वेदों का सम्मान करते हैं (जैसे, हिंदू धर्म के छह आस्तिक दर्शन) और नास्तिक (जैसे, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, चार्वाक)। हालाँकि, दोनों शाखाओं ने योग, संसार (जन्म और मृत्यु का चक्र) और मोक्ष (उस चक्र से मुक्ति) की संबंधित अवधारणाओं को साझा किया।
पुराणिक काल (Puranic Period) (200 ईसा पूर्व - 500 ईस्वी) और प्रारंभिक मध्ययुगीन काल (Early Medieval Period) (500 - 1100 ईस्वी)
इस काल में हिंदू धर्म के नए स्वरूपों का उदय हुआ, विशेष रूप से भक्ति और शैव धर्म, शक्तिवाद, वैष्णववाद, स्मार्त और श्रौत जैसे छोटे संप्रदाय।
प्रारंभिक इस्लामी काल (Early Islamic Period) (1100 - 1500 ईस्वी) और उसके बाद
सिख धर्म का उदय: सिख धर्म की स्थापना 15 वीं शताब्दी में गुरु नानक और नौ उत्तराधिकारी सिख गुरुओं की शिक्षाओं पर उत्तरी भारत में हुई थी। इसके अनुयायियों का विशाल बहुमत पंजाब क्षेत्र से है।
हिंदू धर्म का पुनर्व्याख्या: भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान, हिंदू धर्म की पुनर्व्याख्या और संश्लेषण हुआ, जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया।
निष्कर्ष
भारतीय धर्मों का इतिहास विविधता और विकास से भरा है। वेदों से लेकर भक्ति आंदोलनों तक, और श्रमण परंपरा से सिख धर्म तक, इन धर्मों ने भारतीय उपमहाद्वीप और उसके बाहर लाखों लोगों के जीवन को आकार दिया है।