Silk_Road_transmission_of_Buddhism

सिल्क रोड से बौद्ध धर्म का प्रसार

Silk Road transmission of Buddhism

(Part of the history of Buddhism in Asia)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

बौद्ध धर्म का चीन में प्रसार (Spread of Buddhism in China)

यह लेख बौद्ध धर्म के चीन में प्रसार का विस्तृत विवरण हिंदी में प्रस्तुत करता है:

प्रारंभिक संपर्क और मार्ग (Early Contact and Routes):

  • पहली या दूसरी शताब्दी ईस्वी में, गांधार बौद्ध धर्म ने रेशम मार्ग (Silk Road) के माध्यम से हान चीन में प्रवेश किया।
  • दूसरी शताब्दी ईस्वी में, कुषाण साम्राज्य के माध्यम से, बौद्ध भिक्षुओं ने पहली बार चीनी भाषा में बौद्ध ग्रंथों का अनुवाद किया। यह अनुवाद कार्य तारिम बेसिन (Tarim Basin) से सटे चीनी क्षेत्र में कनिष्क के शासनकाल में हुआ।
  • इन संपर्कों ने सर्वस्तिवाद (Sarvastivada) और ताम्रशातिय (Tamrashatiya) बौद्ध धर्म की शाखाओं को पूरे पूर्वी जगत में प्रसारित किया।

बौद्ध धर्म की शाखाएँ और उनका प्रसार (Branches of Buddhism and their Spread):

  • थेरवाद बौद्ध धर्म (Theravada Buddhism) श्रीलंका में पाली कैनन (Pali Canon) और ताम्रशातिय स्कूल से विकसित हुआ और दक्षिण पूर्व एशिया में फैल गया।
  • सर्वस्तिवाद बौद्ध धर्म उत्तरी भारत से मध्य एशिया होते हुए चीन पहुँचा।
  • तीसरी से सातवीं शताब्दी तक, मध्य एशियाई और चीनी बौद्ध धर्म के बीच सीधा संपर्क बना रहा, जो तांग काल (Tang period) तक जारी रहा।

चीनी तीर्थयात्रियों की भूमिका (Role of Chinese Pilgrims):

  • चौथी शताब्दी के बाद से, फाहियान (395-414) और बाद में ह्वेनसांग (629-644) जैसे चीनी तीर्थयात्रियों ने मूल बौद्ध ग्रंथों तक बेहतर पहुँच प्राप्त करने के लिए उत्तरी भारत की यात्राएँ शुरू कीं।

मार्ग पर शासन और व्यापार (Rule and Trade on the Route):

  • तीसरी से सातवीं शताब्दी के बीच, उत्तरी भारत को चीन से जोड़ने वाले भूमि मार्ग के कुछ हिस्सों पर शियोंगनु (Xiongnu), हान राजवंश (Han dynasty), कुषाण साम्राज्य (Kushan Empire), हेफ्थालाइट साम्राज्य (Hephthalite Empire), गोक्तुर्क (Göktürks) और तांग राजवंश (Tang dynasty) का शासन था।

वज्रयान का आगमन (Arrival of Vajrayana):

  • सातवीं शताब्दी में बौद्ध तंत्र (Vajrayana) का भारतीय रूप चीन पहुँचा।
  • आठवीं शताब्दी में तिब्बती बौद्ध धर्म (Tibetan Buddhism) को भी वज्रयान की एक शाखा के रूप में स्थापित किया गया।

पतन और पुनरुत्थान (Decline and Revival):

  • आठवीं शताब्दी के आसपास, ट्रान्सोक्सियाना (Transoxiana) पर मुस्लिम विजय (उदाहरण के लिए, तालस की लड़ाई - Battle of Talas) के साथ, बौद्ध धर्म का रेशम मार्ग व्यापार घटने लगा।
  • भारत में हिंदू धर्म के पुनरुत्थान और मुस्लिम विजय के कारण भारतीय बौद्ध धर्म का पतन हुआ।
  • नौवीं शताब्दी में तांग-युगीन चीनी बौद्ध धर्म को कुछ समय के लिए दबा दिया गया था, लेकिन बाद के राजवंशों में इसका पुनरुत्थान हुआ।
  • पश्चिमी लियाओ (Western Liao) एक बौद्ध सिनिटिक राजवंश था जो मध्य एशिया में स्थित था, मंगोल आक्रमण से पहले।

मंगोल प्रभाव (Mongol Influence):

  • मंगोल साम्राज्य के परिणामस्वरूप मध्य एशिया का और अधिक इस्लामीकरण हुआ।
  • उन्होंने युआन राजवंश (Yuan dynasty) से शुरू होकर तिब्बती बौद्ध धर्म को अपनाया (मंगोलिया में बौद्ध धर्म - Buddhism in Mongolia)।
  • अन्य खानते, इल्खानाते (Ilkhanate), चगताई खानते (Chagatai Khanate), और गोल्डन होर्डे (Golden Horde) अंततः इस्लाम में परिवर्तित हो गए (मंगोल साम्राज्य में धर्म - Religion in the Mongol Empire#Islam)।

बौद्ध धर्म का वर्तमान स्वरूप (Present State of Buddhism):

  • चीनी, कोरियाई, जापानी, वियतनामी, ताइवानी और दक्षिण पूर्व एशियाई परंपराओं में बौद्ध धर्म जारी रहा।
  • 2019 तक, चीन में दुनिया में सबसे अधिक बौद्ध आबादी थी, लगभग 250 मिलियन; थाईलैंड लगभग 70 मिलियन के साथ दूसरे स्थान पर है (देश के अनुसार बौद्ध धर्म देखें - see Buddhism by country)।

Gandharan Buddhism entered Han China via the Silk Road, beginning in the 1st or 2nd century CE. The first documented translation efforts by Buddhist monks in China were in the 2nd century CE via the Kushan Empire into the Chinese territory bordering the Tarim Basin under Kanishka. These contacts transmitted strands of Sarvastivadan and Tamrashatiya Buddhism throughout the Eastern world.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙