
क्यौंग
Kyaung
(Buddhist Monasteries in Myanmar)
Summary
क्याऊँग: म्यांमार के बौद्ध मठ
"क्याऊँग" (बर्मी भाषा: ဘုန်းကြီးကျောင်း) बर्मी भाषा का शब्द है जो बौद्ध मठ या विहार के लिए प्रयोग होता है। यह बौद्ध भिक्षुओं के रहने, पूजा करने और शिक्षा ग्रहण करने का स्थान होता है।
क्याऊँग का Aufbau:
- रहने की जगह: भिक्षुओं के लिए अलग-अलग कमरे या झोपड़ियाँ।
- धम्म हॉल: ध्यान और धार्मिक शिक्षा के लिए बड़ा हॉल।
- पाठशाला: बच्चों और युवाओं को बौद्ध धर्म और अन्य विषयों की शिक्षा दी जाती है।
- भोजन कक्ष: भिक्षुओं और कभी-कभी गाँव वालों के लिए भोजन कक्ष।
- अन्य इमारतें: पुस्तकालय, शौचालय, और भंडारण के लिए इमारतें।
क्याऊँग में कौन रहता है?:
- भिक्षु (भिक्खु): जो लोग बौद्ध धर्म के नियमों का पालन करते हुए सांसारिक जीवन का त्याग करते हैं।
- समनेर: युवा प्रशिक्षु जो भिक्षु बनने की तैयारी करते हैं।
- कप्पिया: मठ में काम करने वाले लोग, जैसे खाना बनाने वाले, सफाई करने वाले, आदि।
- थिलैशिन: बौद्ध धर्म की शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाएं।
- फोथुडाऊ: सफेद वस्त्र धारण करने वाले पुरुष जो मठ में सेवा करते हैं।
क्याऊँग का महत्व:
- शिक्षा का केंद्र: क्याऊँग सदियों से म्यांमार में बच्चों के लिए स्कूल का काम करते आये हैं। यहाँ उन्हें बौद्ध धर्म, पढ़ना-लिखना, गणित, आदि की शिक्षा दी जाती है।
- धार्मिक केंद्र: क्याऊँग पूजा-पाठ, ध्यान, और धार्मिक त्योहारों को मनाने का केंद्र होते हैं।
- सामुदायिक केंद्र: क्याऊँग गाँव के सामाजिक जीवन का केंद्र होते हैं। यहाँ शादियाँ, अंतिम संस्कार, और अन्य सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
- परोपकार का केंद्र: लोग क्याऊँग में भिक्षुओं को भोजन, वस्त्र, और अन्य आवश्यक चीजें दान करते हैं।
क्याऊँग का निर्माण:
क्याऊँग का निर्माण आम तौर पर लकड़ी से किया जाता है। इन्हें बनाने के लिए पैसे और जमीन का दान लोग करते हैं।
क्याऊँग आज:
म्यांमार और उसके पड़ोसी देशों जैसे थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, आदि में हजारों क्याऊँग हैं। ये मठ बौद्ध धर्म और संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कुछ रोचक तथ्य:
- अधिकांश क्याऊँग लकड़ी के बने होते हैं इसलिए 1800 से पहले के बहुत कम मठ आज भी मौजूद हैं।
- 2016 में म्यांमार में 62,649 क्याऊँग और 4,106 महिला मठ थे।
- क्याऊँग में रहने वाले भिक्षुओं को भोजन, वस्त्र, दवा, आदि की सुविधाएं दान के माध्यम से मिलती हैं।
निष्कर्ष:
क्याऊँग म्यांमार की संस्कृति और धार्मिक जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। ये शिक्षा, धर्म, और समुदाय के केंद्र हैं जो सदियों से बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं।