
मंगला गौरी मंदिर
Mangla Gauri Temple
(Maa Mangla Temple in Gaya District of Bihar)
Summary
मंगला गौरी मंदिर, गया: एक विस्तृत विवरण (Mangla Gauri Temple, Gaya: A Detailed Description in Hindi)
बिहार के गया में स्थित शक्ति पीठ, मंगला गौरी मंदिर, एक अत्यंत प्राचीन और पूजनीय स्थल है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों जैसे की पद्म पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण, देवी भागवत पुराण और मार्कंडेय पुराण में वर्णित है। यह अठारह महाशक्तिपीठों में से एक है, और माना जाता है कि यहाँ सती माता का वक्षस्थल गिरा था।
मंदिर का इतिहास: हालांकि मंदिर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, लेकिन वर्तमान में जो मंदिर है वह 15वीं शताब्दी में बनाया गया था।
देवी का स्वरुप: यहां माँ सती को मंगला गौरी के रूप में पूजा जाता है, जो सौभाग्य और कल्याण की देवी हैं। उन्हें 'स्तन' के रूप में दर्शाया गया है, जो पालन-पोषण और जीवनदायिनी शक्ति का प्रतीक है।
मान्यता: ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे मन से माँ दुर्गा के इस दरबार में आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मंदिर का वास्तुशिल्प: यह मंदिर पूर्वमुखी है और मंगला गौरी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ और एक मोटर मार्ग है। गर्भगृह में देवी का प्रतीक स्थापित है और यहाँ प्राचीन नक्काशीदार मूर्तियाँ भी हैं। मंदिर के सामने एक छोटा सा मंडप है। आँगन में हवन कुंड भी बना हुआ है।
अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ: मंदिर परिसर में भगवान शिव, महिषासुर मर्दिनी, दुर्गा और दक्षिणा काली की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।
मंदिर परिसर: मंगला गौरी मंदिर परिसर में माँ काली, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और भगवान शिव के मंदिर भी हैं।
निष्कर्ष: मंगला गौरी मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह मंदिर शक्ति की देवी माँ सती और उनके भक्तों के प्रति उनकी करुणा का प्रतीक है। यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए आस्था और शांति का केंद्र है।