
कोआन
Koan
(Story, dialogue, question, or statement used in Zen practice)
Summary
कोअन: ज़ेन बौद्ध धर्म का एक गहन अभ्यास
कोअन (जापानी: 公案; चीनी: 公案; पिनयिन: gōng'àn; कोरियाई: 화두, hwadu; वियतनामी: công án) ज़ेन बौद्ध धर्म में प्रयुक्त एक अनोखा अभ्यास है जो छात्रों को आत्मज्ञान की ओर ले जाने में सहायक होता है।
यह क्या है?
कोअन एक कहानी, संवाद, प्रश्न, या कथन हो सकता है जो चीनी चान बौद्ध परंपरा से लिया गया है। इन कोअन के साथ अक्सर टीकाएँ भी जुड़ी होती हैं जो उनके अर्थ को और गहराई प्रदान करती हैं।
उद्देश्य:
ज़ेन अभ्यास में कोअन का उपयोग "महान संदेह" को जगाने और ज़ेन छात्रों में प्रारंभिक अंतर्दृष्टि को प्रेरित करने के लिए किया जाता है।
कैसे काम करता है?
कोअन का उद्देश्य तार्किक सोच को दरकिनार करके मन को एक ऐसी स्थिति में लाना है जहाँ से नए दृष्टिकोण और समझ उभर सकें।
- दीर्घकालिक अभ्यास: कोअन पर लंबे समय तक ध्यान करने से व्यक्ति के अंदर जो अहंकार और संकीर्ण पहचान होती है, वह टूटने लगती है।
- गहरी अंतर्दृष्टि और करुणा: निरंतर अभ्यास से व्यक्ति में गहरी अंतर्दृष्टि और करुणा का विकास होता है।
- जीवन में एकीकरण: अंततः, कोअन अभ्यास का उद्देश्य इन गुणों को दैनिक जीवन और चरित्र में एकीकृत करना है।
संक्षेप में:
कोअन ज़ेन बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण अभ्यास है जो तर्क और बुद्धि की सीमाओं से परे जाकर आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। यह एक गहन और परिवर्तनकारी यात्रा है जो व्यक्ति को अज्ञानता से मुक्ति दिलाकर एक उच्च चेतना की ओर ले जाती है।