
बौद्ध ध्यान
Buddhist meditation
(Practice of meditation in Buddhism)
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बौद्ध ध्यान: एक विस्तृत विवरण (Buddhist Meditation: A Detailed Description in Hindi)
बौद्ध ध्यान, बौद्ध धर्म में मन को प्रशिक्षित करने का एक महत्वपूर्ण अभ्यास है। यह क्लेशों (दुःखों के कारण) और उपादान (लगाव) से मुक्ति पाने का मार्ग प्रशस्त करता है, जिसे बोध या निर्वाण की प्राप्ति भी कहा जाता है।
बौद्ध ध्यान के प्रमुख पहलू:
- भाषा: बौद्ध ग्रंथों में ध्यान के लिए प्रयुक्त शब्द हैं भावना (मन का विकास) और ध्यान/झान (मन को शांत और प्रकाशमान बनाने का अभ्यास)।
- उद्देश्य: ध्यान का उद्देश्य है क्लेशों (राग, द्वेष, मोह, आदि) और उपादान (लगाव) से मुक्ति पाना और निर्वाण की प्राप्ति।
- तकनीकें:
- आनापानसति: श्वास के प्रति जागरूकता (सबसे महत्वपूर्ण तकनीक)।
- अशुभ भावना: शरीर की अशुद्धता पर चिंतन।
- प्रतीत्यसमुत्पाद: कारण और प्रभाव के सिद्धांत पर मनन।
- अनुस्मृति: विभिन्न विषयों जैसे बुद्ध, धम्म, संघ, आदि का स्मरण।
- सति: जागरूकता।
- ध्यान: एक शांत और प्रकाशमान मन का विकास।
- ब्रह्मविहार: मैत्री, करुणा, मुदिता, और उपेक्षा का भाव।
- लाभ:
- समता: सुख-दुःख में समभाव।
- समाधि: मन की एकाग्रता।
- विपश्यना: यथार्थ का बोध।
- अभिज्ञा: अलौकिक शक्तियाँ (कुछ परंपराओं में)।
बौद्ध ध्यान के प्रकार:
- शमथ: मन को शांत करने का अभ्यास।
- विपश्यना: यथार्थ का बोध प्राप्त करने का अभ्यास।
विभिन्न बौद्ध परंपराओं में ध्यान:
- थेरवाद: विपश्यना पर अधिक ज़ोर।
- महायान: शमथ और विपश्यना दोनों का समन्वय।
- चीनी और जापानी बौद्ध धर्म: प्राचीन बौद्ध धर्म से प्राप्त विभिन्न ध्यान तकनीकों का अभ्यास।
- तिब्बती बौद्ध धर्म: देवी-देवताओं के ध्यान और शून्यता के बोध पर ज़ोर।
ध्यान के लिए तैयारी:
- शील: नैतिक आचरण।
- प्रज्ञा: समझदारी।
निष्कर्ष:
बौद्ध ध्यान, मन को प्रशिक्षित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है जो दुःखों से मुक्ति और निर्वाण की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। विभिन्न बौद्ध परंपराओं में ध्यान की तकनीकें भिन्न हो सकती हैं, लेकिन उनका उद्देश्य एक ही है: मन की शुद्धि और बोध की प्राप्ति।
Buddhist meditation is the practice of meditation in Buddhism. The closest words for meditation in the classical languages of Buddhism are bhāvanā and jhāna/dhyāna.