
बुद्धत्व
Buddhahood
(Condition of being fully spiritually awakened in Buddhism)
Summary
बुद्ध: जागृत चेतना का प्रतीक (Buddha: Symbol of Awakened Consciousness)
बौद्ध धर्म में, "बुद्ध" शब्द का अर्थ है "जागृत" या "प्रबुद्ध"। यह उपाधि उन लोगों को दी जाती है जिन्होंने आध्यात्मिक जागृति या ज्ञान प्राप्त कर लिया है और इस प्रकार बौद्ध धर्म के सर्वोच्च धार्मिक लक्ष्य को प्राप्त किया है। इस लक्ष्य को निर्वाण, बोधि (जागृति) और विमुक्ति जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है।
एक बुद्ध वह भी होता है जो धर्म को पूरी तरह से समझ गया है। धर्म का अर्थ है चीजों की वास्तविक प्रकृति या सार्वभौमिक नियम। इसे संस्कृत में '𑀥𑀭𑁆𑀫' और पाली में 'धम्म' लिखते हैं।
बुद्धत्व (संस्कृत: 𑀩𑀼𑀤𑁆𑀥𑀢𑁆𑀯, buddhatva; पाली: buddhatta या buddhabhāva) एक बुद्ध की अवस्था और स्थिति को दर्शाता है। इस सर्वोच्च आध्यात्मिक अवस्था को 'सम्मसम्बोधि' (संस्कृत: samyaksaṃbodhi) भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "पूर्ण और संपूर्ण जागृति"।
बौद्ध धर्म के विभिन्न संप्रदायों में इस अवस्था की अलग-अलग व्याख्या की गई है।
"बुद्ध" शब्द का प्रयोग आमतौर पर गौतम बुद्ध के लिए किया जाता है। गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक संस्थापक थे, और उन्हें अक्सर "बुद्ध" के रूप में ही जाना जाता है।
हालांकि, यह उपाधि अन्य प्राणियों के लिए भी इस्तेमाल की जाती है जिन्होंने जागृति और विमोक्ष (मुक्ति) प्राप्त कर ली है। इनमें शामिल हैं:
- गौतम बुद्ध से पहले ज्ञान प्राप्त करने वाले अन्य मानव बुद्ध
- महायान बौद्ध धर्म में पूजे जाने वाले पाँच दिव्य बुद्ध (जैसे अमिताभ)
- बोधिसत्व मैत्रेय (भविष्य के बुद्ध के रूप में जाने जाते हैं), जो भविष्य में जागृति प्राप्त करेंगे और गौतम बुद्ध के बाद दुनिया के सर्वोच्च बुद्ध बनेंगे।
महायान बौद्ध धर्म का लक्ष्य पूर्ण बुद्धत्व प्राप्त करना है ताकि सभी प्राणियों को दुख की समाप्ति का मार्ग सिखाकर उनका भला किया जा सके।
महायान सिद्धांत इसकी तुलना थेरवाद पथ के लक्ष्य से करता है, जहाँ सर्वोच्च बुद्ध की शिक्षाओं, धर्म का पालन करते हुए व्यक्तिगत अर्हतत्व प्राप्त करना सबसे आम लक्ष्य है।