Shrivatsa

श्रीवत्स

Shrivatsa

(Auspicious symbol in Indian religious traditions)

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श्रीवत्स: विष्णु का पवित्र चिह्न

श्रीवत्स (संस्कृत: श्रीवत्स, अर्थ: श्री का प्रिय) एक प्राचीन और शुभ प्रतीक है जिसका महत्व हिंदू धर्म और अन्य भारतीय धार्मिक परंपराओं में है। यह माना जाता है कि जब विष्णु अपना अवतार लेने का निर्णय लेते हैं, तो उनके चुने हुए अवतार के सीने पर श्रीवत्स का चिह्न प्रकट होता है।

श्रीवत्स का अर्थ:

  • श्री: श्री का अर्थ है "समृद्धि", "सौभाग्य", "प्रकाश" या "देवी लक्ष्मी"।
  • वत्स: वत्स का अर्थ है "बेटा", "प्रिय" या "वत्सल्य"।

इस प्रकार, श्रीवत्स का अर्थ हुआ "श्री का प्रिय" या "लक्ष्मी का प्रिय"। यह चिह्न विष्णु और लक्ष्मी के अटूट बंधन का प्रतीक है।

श्रीवत्स का स्वरूप:

श्रीवत्स का कोई एक निश्चित स्वरूप नहीं है। यह विभिन्न रूपों में दिखाई देता है, जैसे कि:

  • एक घुमावदार रेखा
  • एक फूल
  • एक त्रिकोण
  • एक सर्पिल

यह माना जाता है कि श्रीवत्स का स्वरूप विष्णु के अलग-अलग अवतारों के अनुसार बदलता रहता है।

श्रीवत्स का महत्व:

श्रीवत्स को एक अत्यंत शुभ प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि:

  • श्रीवत्स धारण करने से सौभाग्य, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
  • यह बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
  • यह आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।

हिंदू धर्म में, श्रीवत्स विष्णु भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह उनके आराध्य देव के प्रति उनके प्रेम और भक्ति को दर्शाता है।


The Shrivatsa is an ancient symbol, considered auspicious in Hinduism and other Indian religious traditions. It is said that the Shrivatsa symbol appears on the chest of an avatar of Vishnu when he is chosen to be Vishnu's incarnation



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