
सोनपुर पशु मेला
Sonepur Cattle Fair
(Cattle fair held on Kartik Poornima in Sonepur, Bihar)
Summary
सोनपुर पशु मेला: एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला
सोनपुर पशु मेला, जिसे हरिहर क्षेत्र मेला भी कहा जाता है, बिहार के सोनपुर में गंगा (गंडक) नदी के तट पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर-दिसंबर) के अवसर पर लगता है। यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है जो लगभग पंद्रह दिनों से लेकर एक महीने तक चलता है।
महोत्सव का इतिहास:
इस मेले का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि भगवान विष्णु के हाथों हाथी के रूप में राक्षस गजमुखासुर के वध के बाद इस मेले की शुरुआत हुई थी।
व्यापार का केंद्र:
यह मेला ऐतिहासिक रूप से व्यापार का एक प्रमुख केंद्र रहा है। यहाँ हाथी, घोड़े, ऊंट, गाय, भैंस, बकरी, पक्षी आदि विभिन्न प्रकार के जानवरों की खरीद-बिक्री की जाती है। इस मेले में दूर-दूर से व्यापारी आते हैं, जिनमें तमिलनाडु और दिल्ली जैसे राज्यों के व्यापारी भी शामिल हैं।
मनोरंजन और आस्था का संगम:
यह मेला केवल पशु मेला ही नहीं है, बल्कि यहाँ मनोरंजन के विभिन्न साधन भी उपलब्ध होते हैं। यहाँ Riesenrad, मौत का कुआँ, जादू के खेल, और विभिन्न प्रकार के झूले देखे जा सकते हैं। इसके अलावा, यह मेला धार्मिक आस्था का भी केंद्र है। यहाँ गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है और लोग इस पावन अवसर पर दूर-दूर से आकर स्नान करते हैं।
२०१८ का आयोजन:
वर्ष २०१८ में, यह मेला २१ नवंबर से शुरू होकर २२ दिसंबर तक चला था।
संक्षेप में:
सोनपुर पशु मेला अपने भव्य आकार, ऐतिहासिक महत्व, व्यापारिक गतिविधियों, धार्मिक आस्था, और मनोरंजन के साधनों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह मेला भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं का प्रतीक है।