
शिखरजी
Shikharji
(Jain pilgrimage centre and hill forest in Jharkhand, India)
Summary
शिखरजी: जैन धर्म का पवित्र तीर्थस्थल
शिखरजी, जिसे सम्मद या सम्मेद शिखरजी के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित जैन धर्म का एक सबसे पवित्र तीर्थस्थल है। यह परसनाथ पहाड़ पर स्थित है, जो झारखंड राज्य का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह जैन तीर्थों में सबसे महत्वपूर्ण स्थल है क्योंकि यहाँ 24 जैन तीर्थंकरों में से बीस, साथ ही कई अन्य साधुओं ने मोक्ष प्राप्त किया था। यह पांच प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, जिनमें गिरनार, पावपुरी, चंपापुरी, दिलवारा, पालिताना और अष्टापद कैलाश शामिल हैं।
शिखरजी का महत्व:
- 20 तीर्थंकरों का मोक्ष स्थल: शिखरजी में 20 तीर्थंकरों (जैसे आदिनाथ, नेमिनाथ, मल्लिनाथ, आदि) ने मोक्ष प्राप्त किया था। यहाँ उनके पदचिह्न और अन्य अवशेष भी मौजूद हैं।
- अनेक साधुओं का मोक्ष स्थल: कई जैन साधुओं ने भी यहाँ मोक्ष प्राप्त किया था।
- मौन व्रत का पालन: शिखरजी में साधुओं द्वारा मौन व्रत का पालन किया जाता है, जो कि एक कठोर तपस्या है।
- तपस्या का केंद्र: शिखरजी तपस्या और आध्यात्मिक प्रगति का एक केंद्र रहा है।
- पूजा और ध्यान का स्थल: जैन धर्म के अनुयायी यहाँ पूजा और ध्यान करने आते हैं।
शिखरजी में देखने लायक स्थान:
- शिखरजी का मंदिर: शिखरजी पर एक प्रमुख मंदिर है जो सभी 24 तीर्थंकरों को समर्पित है।
- पारसनाथ पर्वत: शिखरजी परसनाथ पर्वत पर स्थित है, जो एक प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर स्थल है।
- साधुओं के आश्रम: शिखरजी में कई साधुओं के आश्रम भी हैं।
शिखरजी जाने के लिए सर्वोत्तम समय:
- शिखरजी जाने का सबसे अच्छा समय सर्दी का मौसम (अक्टूबर से मार्च) है।
शिखरजी पहुँचने के लिए:
- शिखरजी सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गिरिडीह (लगभग 40 किलोमीटर) है।
- हवाई अड्डा रांची (लगभग 200 किलोमीटर) है।
शिखरजी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ सुझाव:
- शिखरजी में जाने के लिए अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है।
- पहाड़ी पर चढ़ाई करते समय सावधान रहें।
- पर्यावरण का ध्यान रखें और कूड़ा न फेंके।
- शिखरजी में जाने से पहले जैन धर्म के नियमों के बारे में जान लें।
शिखरजी एक पवित्र और आध्यात्मिक स्थल है जहाँ जैन धर्म के अनुयायी मोक्ष प्राप्त करने की आशा रखते हैं। यह एक जगह है जहाँ शांति, तपस्या और आध्यात्मिक प्रगति का अनुभव होता है।