
फौज-ए-खास
Fauj-i-Khas
(Military unit)
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फौज-ए-खास: सिख खालसा सेना का चुनिंदा दस्ता
"फौज-ए-खास" पंजाब की सिख खालसा सेना के "फौज-ए-ऐन" भाग का एक अलग ब्रिगेड था। इस दस्ते में बेहद अनुभवी और कुशल सैनिक थे, जो अपनी विशेषता के कारण सेना के अन्य सैनिकों से अलग थे। फौज-ए-खास का अपना अलग झंडा और प्रतीक भी था। इस दस्ते को फ्रांसीसी सेना की तर्ज पर सख्त अनुशासन में रखा जाता था।
फौज-ए-खास के सभी उपकरण और हथियार सर्वोत्तम किस्म के थे, जो उन्हें युद्ध में एक अजेय बल बनाते थे। समय के साथ, फौज-ए-खास नियमित सेना (फौज-ए-ऐन) का सबसे सुसंगठित और कुशल भाग बन गया।
फौज-ए-खास की विशेषताएं:
- अनुभवी और कुशल सैनिक: इस दस्ते में केवल सबसे अनुभवी और कुशल सैनिक शामिल थे, जो लंबे समय से युद्ध के मैदान में अपने कौशल का प्रदर्शन कर चुके थे।
- अलग झंडा और प्रतीक: फौज-ए-खास का अपना अलग झंडा और प्रतीक था, जो उन्हें सेना के अन्य भागों से अलग पहचान देता था।
- फ्रांसीसी पैटर्न पर अनुशासन: इस दस्ते को फ्रांसीसी सेना की तर्ज पर सख्त अनुशासन में रखा जाता था, जिससे उनकी कुशलता और संगठन में सुधार हुआ।
- सर्वोत्तम उपकरण और हथियार: फौज-ए-खास के सैनिकों को सर्वोत्तम किस्म के उपकरण और हथियार प्रदान किए जाते थे, जिससे वे युद्ध में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ते थे।
- संगठन और कुशलता: समय के साथ, फौज-ए-खास नियमित सेना का सबसे सुसंगठित और कुशल भाग बन गया, जिसने इसे युद्ध में एक निर्णायक शक्ति बना दिया।
फौज-ए-खास सिख खालसा सेना की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शक्ति थी, जिसने पंजाब के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दस्ते की अनुशासन, संगठन और युद्ध कौशल ने सिखों को कई युद्धों में विजयी होने में मदद की।
The Fauj-i-Khas was a brigade of the Fauj-i-Ain section of the Sikh Khalsa Army of Punjab. It consisted of very experienced elites and had separate flag and emblem. It was strictly disciplined on French pattern. All the equipment and weapons were of the best type. It grew to be the best organised section of the regular army (Fauj-i-Ain)