Chandabai

चंदाबाई

Chandabai

(Indian Jain scholar)

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चंदाबाई: जैन धर्म की विदुषी और महिला शिक्षा की प्रणेता

पंडिता ब्रह्मचारिणी चंदाबाई (१८८०-१९७७) एक जैन विदुषी और भारत में महिला शिक्षा की अग्रणी नेता थीं। उन्होंने जैन महिलादर्श की स्थापना की, जो भारत का सबसे पुराना महिला प्रकाशन है और आज भी प्रकाशित होता है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

  • चंदाबाई का जन्म १८८० में एक जैन परिवार में हुआ था।
  • उस समय लड़कियों की शिक्षा को महत्व नहीं दिया जाता था, लेकिन चंदाबाई के परिवार ने उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित किया।
  • उन्होंने धार्मिक ग्रंथों, दर्शन, और साहित्य का गहन अध्ययन किया और कम उम्र में ही जैन धर्म की विद्वान बन गईं।

महिला शिक्षा के प्रति समर्पण:

  • चंदाबाई ने महिलाओं की शिक्षा की दिशा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।
  • उन्होंने महसूस किया कि शिक्षा ही महिलाओं को समाज में समानता दिला सकती है।
  • उन्होंने स्कूल और कॉलेज स्थापित करने के लिए अथक प्रयास किए जहाँ लड़कियाँ बिना किसी रोक-टोक के शिक्षा प्राप्त कर सकें।

जैन महिलादर्श का प्रकाशन:

  • १९२० में चंदाबाई ने जैन महिलादर्श नामक पत्रिका की शुरुआत की।
  • यह पत्रिका महिलाओं के लिए एक मंच बन गई जहाँ वे अपनी आवाज़ उठा सकें, अपने विचार व्यक्त कर सकें और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा कर सकें।
  • जैन महिलादर्श ने महिलाओं को शिक्षित करने, उनके अधिकारों के लिए जागरूकता फैलाने और उन्हें सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विरासत:

  • चंदाबाई का जीवन और कार्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
  • उन्होंने न केवल जैन धर्म की विद्वान के रूप में बल्कि महिला शिक्षा की प्रणेता के रूप में भी अपना नाम अमर कर दिया।
  • उनके द्वारा स्थापित जैन महिलादर्श आज भी महिलाओं की आवाज़ बुलंद कर रहा है।

चंदाबाई का जीवन हमें यह सिखाता है कि शिक्षा ही वह हथियार है जिससे हम सामाजिक बुराइयों से लड़ सकते हैं और एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।


Pandita Brahmacharini Chandabai (1880–1977) was a Jain scholar and a pioneer of women's education in India. She was the founder of the oldest women's publication in India that is still published, Jain Mahiladarsh.



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