
पहाड़ों का सिलसिला
Ghat
(Series of steps leading down to a body of water, particularly a holy river in South Asia)
Summary
घाट: पानी का रास्ता
"घाट" शब्द भारतीय उपमहाद्वीप में पानी के किनारे बने हुए सीढ़ियों के समूह को कहते हैं। ये सीढ़ियाँ नदी, तालाब, या किसी और जल स्त्रोत तक जाने के लिए बनाई जाती हैं। घाटों का उपयोग अक्सर स्नान करने, कपड़े धोने, या धार्मिक अनुष्ठानों जैसे कि अंतिम संस्कार के लिए किया जाता है।
आइए घाटों के बारे में और विस्तार से जानते हैं:
घाटों का निर्माण: घाट पत्थर, ईंट, या सीमेंट से बने होते हैं। इनका निर्माण जल स्तर तक जाने के लिए सुविधाजनक रास्ता प्रदान करने के लिए किया जाता है। घाटों पर अक्सर बैठने के लिए चबूतरे, छतरियां, और मंदिर भी बने होते हैं।
घाटों के प्रकार: घाटों के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि:
- स्नान घाट: इन घाटों का उपयोग लोग नदी या तालाब में स्नान करने के लिए करते हैं।
- धोबी घाट: इन घाटों का उपयोग धोबी लोग कपड़े धोने के लिए करते हैं।
- श्मशान घाट: इन घाटों का उपयोग अंतिम संस्कार करने के लिए किया जाता है।
- मंदिर घाट: इन घाटों के किनारे मंदिर बने होते हैं और लोग यहाँ पूजा-अर्चना करते हैं।
प्रसिद्ध घाट: भारत में कई प्रसिद्ध घाट हैं, जैसे कि:
- वाराणसी के घाट: वाराणसी में गंगा नदी के किनारे 88 घाट हैं, जो अपनी धार्मिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध हैं।
- हरिद्वार के घाट: हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे बने घाट भी बहुत प्रसिद्ध हैं।
- उज्जैन के घाट: उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे बने घाट कुंभ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
घाटों का सांस्कृतिक महत्व: घाट भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं। ये ना केवल लोगों को पानी तक पहुँचाते हैं, बल्कि सामाजिक मेलजोल और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र भी हैं।