Diet_in_Sikhism

सिख धर्म में आहार

Diet in Sikhism

(Views on what followers of Sikhism are permitted to eat)

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सिख धर्म में मांसाहार

सिख धर्म में मांसाहार या शाकाहार के लिए कोई विशेष नियम नहीं हैं। सिख धर्म में, "अमृतधारी" सिखों के लिए दो अलग-अलग विचार हैं:

१. अमृतधारी सिख और मांसाहार: "अमृतधारी" सिख, जो सिख रीहत मरयादा (आधिकारिक सिख आचरण संहिता) का पालन करते हैं, वे मांस खा सकते हैं। हालांकि, उन्हें "कुथ्था" मांस, यानी धार्मिक अनुष्ठानों के लिए मारे गए जानवर का मांस नहीं खाना चाहिए।

२. कुछ सिख संप्रदायों में मांसाहार के विरोध: कुछ सिख संप्रदायों, जैसे अखंड कीर्तनी जत्था, दमदमी तकसल, और नामधारी, मांस और अंडे का सेवन करने के सख्त विरोधी हैं।

सिख गुरुओं का दृष्टिकोण:

सिख गुरुओं ने सरल आहार पसंद किया है, जिसमें मांस या शाकाहार दोनों शामिल हो सकते हैं। गुरु नानक जी ने कहा कि अधिक भोजन करना, यानी लोभ, धरती के संसाधनों और जीवन पर दबाव डालता है। मांस के मामले में, गुरु ग्रंथ साहिब (सिखों की पवित्र पुस्तक) के कुछ पदों में कहा गया है कि मूर्ख ही इस मुद्दे पर बहस करते हैं। दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को "कुथ्था" मांस खाने से मना किया था क्योंकि सिखों का मानना है कि ईश्वर के नाम पर जानवरों की बलि देना सिर्फ एक अनुष्ठान है, जिससे बचना चाहिए।

गुरुद्वारे में भोजन:

गुरुद्वारे में केवल लैक्टो-शाकाहारी भोजन परोसा जाता है, लेकिन सिखों के लिए मांस मुक्त रहना अनिवार्य नहीं है।

निष्कर्ष:

सामान्य तौर पर, सिखों को मांसाहारी या शाकाहारी आहार चुनने की स्वतंत्रता है।


Followers of Sikhism do not have a preference for meat or vegetarian consumption. There are two views on initiated or "Amritdhari Sikhs" and meat consumption. "Amritdhari" Sikhs can eat meat. "Amritdharis" that belong to some Sikh sects are vehemently against the consumption of meat and eggs.



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