Dhamma_vicaya

धम्म विकाय

Dhamma vicaya

(Internal discrimination in Buddhism)

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धम्मविचय: बुद्ध धर्म में आत्म-परीक्षण और सत्य की खोज

बौद्ध धर्म में, धम्मविचय एक महत्वपूर्ण शब्द है जिसका अनुवाद कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि "गुणों का विश्लेषण," "धम्मों का विवेचन," "अवस्थाओं का विवेचन," "सिद्धांत की जाँच," और "सत्य की खोज।" इसका अर्थ दोहरा है:

१. बौद्ध शिक्षाओं का अन्वेषण:

धम्मविचय का एक अर्थ बुद्ध के उपदेशों (धम्म) का गहन अध्ययन और चिंतन है। इसमें बुद्ध के चार आर्य सत्य, अष्टांगिक मार्ग, पंचशील, आदि शामिल हैं।

२. स्वयं के शरीर और मन का निरीक्षण:

धम्मविचय का दूसरा अर्थ अपने शरीर और मन में होने वाली क्रियाओं और भावनाओं को ध्यान से देखना और समझना है। यह समझने की कोशिश करना कि दुःख का कारण क्या है और उससे कैसे मुक्ति पायी जा सकती है।

सही प्रयास और प्रथम ध्यान:

धम्मविचय हमें सही दिशा में प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें हमारे दुखों के कारणों को पहचानने और उन्हें दूर करने के लिए सही मार्ग दिखाता है। इस प्रकार, धम्मविचय प्रथम ध्यान (ध्यान की अवस्था) में प्रवेश करने का मार्ग प्रशस्त करता है।

संक्षेप में:

धम्मविचय बौद्ध धर्म में आत्म-ज्ञान और सत्य की प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें बुद्ध की शिक्षाओं को समझने और अपने जीवन में लागू करने में मदद करता है।


In Buddhism, dhamma vicaya has been variously translated as the "analysis of qualities," "discrimination of dhammas," "discrimination of states," "investigation of doctrine," and "searching the Truth." The meaning is ambivalent; it implies the investigation of the Buddhist teachings (dhamma), but also the application of discernment to body-mind phenomena in order to apply right effort, giving way to entry into the first jhana.



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