
दस प्रमुख शिष्य
Ten principal disciples
(Main disciples of Gautama Buddha)
Summary
गौतम बुद्ध के दस प्रमुख शिष्य (Ten Principal Disciples of Gautama Buddha)
गौतम बुद्ध के दस प्रमुख शिष्य, उनके सबसे करीबी और महत्वपूर्ण अनुयायी थे। विभिन्न बौद्ध ग्रंथों में, इन दस शिष्यों के नामों में थोड़ा बदलाव हो सकता है। महायान बौद्ध धर्म के कई ग्रंथों में, इन दस शिष्यों का उल्लेख मिलता है, लेकिन उनके क्रम में अंतर हो सकता है।
मोगाओ गुफाओं जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर, इन दस शिष्यों को एक समूह के रूप में चित्रित किया गया है। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर बारहवीं शताब्दी ईस्वी तक के चीनी ग्रंथों में इनका उल्लेख मिलता है, और इन्हें शिष्यों के समूहों में सबसे सम्मानित माना जाता है, खासकर चीन और मध्य एशिया में।
महायान ग्रंथ विमलकीर्ति-निर्देश सहित कई अन्य ग्रंथों में, इन दस शिष्यों का उल्लेख मिलता है। इस ग्रंथ में, उन्हें "दस ज्ञानी" (pinyin: shih-che) कहा गया है, यह शब्द आमतौर पर कन्फ्यूशियस के शिष्यों के लिए प्रयोग किया जाता है।
इन दस शिष्यों के नाम:
- सारिपुत्र: बुद्धि में श्रेष्ठ
- महामौद्गल्यायन: अलौकिक शक्तियों में श्रेष्ठ
- महाकाश्यप: ध्यान में श्रेष्ठ
- सुभूति: शून्यता की समझ में श्रेष्ठ
- पूर्ण मैत्रायणीपुत्र: धर्म की व्याख्या करने में श्रेष्ठ
- कात्यायना: विनय के नियमों के ज्ञान में श्रेष्ठ
- अनुरुद्ध: दिव्य दृष्टि में श्रेष्ठ
- उपाली: मठवासी नियमों के ज्ञान में श्रेष्ठ
- राहुल: धार्मिक निर्देशों का पालन करने में श्रेष्ठ
- अनन्द: श्रवण और स्मरण शक्ति में श्रेष्ठ
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल दस प्रमुख शिष्य हैं। बुद्ध के पास अनगिनत अनुयायी थे, और उनमें से कई उच्च स्तर की प्राप्ति तक पहुँचे थे।