
जैन साहित्य
Jain literature
(Texts related to the religion of Jainism)
Summary
जैन साहित्य: एक विस्तृत परिचय (Jain Literature: A Detailed Introduction)
जैन साहित्य जैन धर्म से जुड़े सभी प्रकार के लेखन को संदर्भित करता है। यह एक प्राचीन और विशाल साहित्यिक परंपरा है जो शुरुआत में मौखिक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती थी।
प्राचीनतम ग्रंथ:
सबसे पुराने उपलब्ध जैन ग्रंथ जैन आगम हैं, जो अर्धमागधी भाषा में लिखे गए हैं। अर्धमागधी एक प्राकृत भाषा है जो प्राचीन भारत में बोली जाती थी।
टीकाएँ और भाष्य:
इन आगमों को समझने और उनकी व्याख्या करने के लिए, बाद के जैन साधुओं ने कई टीकाएँ और भाष्य लिखे।
विभिन्न भाषाओं में जैन साहित्य:
समय के साथ, जैन साहित्य संस्कृत, महाराष्ट्री प्राकृत, मराठी, तमिल, राजस्थानी, ढूंढरी, मारवाड़ी, हिंदी, गुजराती, कन्नड़, मलयालम और हाल ही में अंग्रेजी जैसी विभिन्न भाषाओं में रचा गया।
दिगंबर और श्वेतांबर परंपराएँ:
जैन साहित्य को मुख्य रूप से दिगंबर और श्वेतांबर, जैन धर्म के दो प्रमुख संप्रदायों, के आधार पर विभाजित किया जा सकता है। दोनों संप्रदायों के बीच कुछ ग्रंथों को प्रामाणिक मानने को लेकर मतभेद हैं।
जैन साहित्य का महत्व:
जैन साहित्य जैन धर्म, दर्शन, इतिहास, नैतिकता, और आध्यात्मिकता को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह भारतीय संस्कृति और साहित्य में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।