Gautama_Swami

गौतम स्वामी

Gautama Swami

(Mahavira's Ganadhara)

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गौतम स्वामी: महावीर के प्रथम शिष्य

गौतम स्वामी, जिनका जन्म इंद्रभूति गौतम के रूप में हुआ था, वर्तमान अर्ध-चक्र (आवसर्पिणी) के 24वें और अंतिम जैन तीर्थंकर, महावीर के प्रथम गणधर (प्रमुख शिष्य) थे। उन्हें गुरु गौतम, गौतम गणधर, और गणधर गौतम स्वामी के नाम से भी जाना जाता है।

विस्तार से:

  • गणधर: जैन धर्म में, गणधर तीर्थंकर के प्रमुख शिष्य होते हैं जो उनके उपदेशों को समझने और प्रचारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गौतम स्वामी महावीर के प्रथम गणधर थे, जो उनकी शिक्षाओं के सबसे निकट और सबसे अधिक ज्ञानी थे।
  • इंद्रभूति गौतम: गौतम स्वामी का जन्म नाम इंद्रभूति था। वे ब्राह्मण कुल में जन्मे थे और उनके पास वेदों और अन्य शास्त्रों का गहन ज्ञान था।
  • ज्ञान प्राप्ति: महावीर से दीक्षा लेने के बाद, इंद्रभूति ने गहन साधना की और केवलज्ञान (पूर्ण ज्ञान) प्राप्त किया। इस प्रकार वे गौतम स्वामी के रूप में प्रसिद्ध हुए।
  • महत्व: गौतम स्वामी जैन धर्म के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने महावीर के उपदेशों को जनसाधारण तक पहुँचाया और अनेक लोगों को जैन धर्म की दीक्षा दी।

गौतम स्वामी जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी ज्ञान प्राप्ति और महावीर के प्रति समर्पण भाव जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।


Gautama Swami, born as Indrabhuti Gautama was the first Ganadhara of Mahavira, the 24th and last Jain Tirthankara of present half cycle of time. He is also referred to as Guru Gautama, Gautama Ganadhara, and Ganadhara Gautama Swami.



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