Kumārajīva

कुमारजीव

Kumārajīva

(Kuchan Buddhist monk and translator (344-413))

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कुमारजीव: बौद्ध धर्म के एक महान विद्वान और अनुवादक

कुमारजीव (344-413 ईस्वी) एक बौद्ध भिक्षु, विद्वान, मिशनरी और अनुवादक थे जो कुचा (वर्तमान में अक्सू प्रान्त, शिनजियांग, चीन) से थे। उन्हें चीनी बौद्ध धर्म के महानतम अनुवादकों में से एक माना जाता है। लू चेंग के अनुसार, कुमारजीव के अनुवाद "अनुवाद तकनीक या निष्ठा की डिग्री के मामले में अद्वितीय" हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

कुमारजीव का जन्म कुचा में एक भारतीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने कम उम्र में ही बौद्ध धर्म की शिक्षा प्राप्त करनी शुरू कर दी थी। शुरुआत में उन्होंने सर्वास्तिवाद स्कूल की शिक्षाओं का अध्ययन किया, बाद में बुद्धस्वामिन के अधीन अध्ययन किया, और अंततः महायान बौद्ध धर्म के अनुयायी बन गए। उन्होंने नागार्जुन के माध्यमिक सिद्धांत का गहन अध्ययन किया।

चीन में प्रवास और अनुवाद कार्य:

चीनी भाषा में महारत हासिल करने के बाद, कुमारजीव चांगान (लगभग 401 ईस्वी) में एक अनुवादक और विद्वान के रूप में बस गए। वे अनुवादकों की एक टीम के प्रमुख थे जिसमें उनके सहयोगी सेंगरुई भी शामिल थे। यह टीम कई संस्कृत बौद्ध ग्रंथों का चीनी भाषा में अनुवाद करने के लिए उत्तरदायी थी।

कुछ महत्वपूर्ण अनुवाद:

कुमारजीव ने लगभग 300 बौद्ध ग्रंथों का संस्कृत से चीनी भाषा में अनुवाद किया। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं:

  • लोटस सूत्र: यह महायान बौद्ध धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली ग्रंथ है।
  • वज्रच्छेदिका प्रज्ञापारमिता सूत्र: यह सूत्र शून्यता की अवधारणा पर केंद्रित है।
  • मूलमध्यमकारिका: नागार्जुन द्वारा रचित यह ग्रंथ माध्यमिक दर्शन का एक आधार स्तंभ है।
  • अमिताभ सूत्र: यह सूत्र अमिताभ बुद्ध और उनके शुद्ध भूमि के बारे में बताता है।

माध्यमिक दर्शन का परिचय:

कुमारजीव ने चीन में माध्यमिक बौद्ध दर्शन का परिचय करवाया जिसे बाद में सनलुन ("तीन ग्रंथ स्कूल") कहा जाने लगा। यह दर्शन शून्यता की अवधारणा पर केंद्रित है और यह चीनी बौद्ध धर्म के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

निष्कर्ष:

कुमारजीव बौद्ध धर्म के एक महान विद्वान और अनुवादक थे। उनके अनुवादों ने चीनी बौद्ध धर्म के विकास और प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके द्वारा किए गए अनुवाद आज भी प्रासंगिक हैं और दुनिया भर के बौद्ध धर्म के विद्वानों द्वारा उनका अध्ययन किया जाता है।


Kumārajīva was a Buddhist monk, scholar, missionary and translator from Kucha. Kumārajīva is seen as one of the greatest translators of Chinese Buddhism. According to Lu Cheng, Kumarajiva's translations are "unparalleled either in terms of translation technique or degree of fidelity".



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