Anattā

अनत्ता

Anattā

(Buddhist doctrine of "non-self")

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बौद्ध धर्म में अनात्म: सरल व्याख्या और विस्तृत विवरण

बौद्ध धर्म में, "अनात्म" (Pali: 𑀅𑀦𑀢𑁆𑀢𑀸, Sanskrit: अनात्मन्) एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जिसका अर्थ है "आत्मा का अभाव"। यह इस विचार का खंडन करता है कि कोई भी स्थायी, अपरिवर्तनशील आत्मा या सार किसी भी घटना या वस्तु में विद्यमान है।

सरल शब्दों में:

  • बौद्ध धर्म कहता है कि कोई भी चीज़ स्थायी नहीं है, सब कुछ बदलता रहता है।
  • इसीलिए, कोई भी अविनाशी, अपरिवर्तनशील "आत्मा" नहीं हो सकती।
  • यह विचार "आत्मा के अस्तित्व को नकारना" नहीं है, बल्कि यह समझने पर ज़ोर देता है कि सभी चीजें अनित्य हैं।

विस्तृत विवरण:

  • अक्सर "अनात्म" को आत्मा के अस्तित्व को नकारने वाले सिद्धांत के रूप में समझा जाता है।
  • लेकिन यह व्याख्या पूरी तरह सटीक नहीं है।
  • "अनात्म" का उद्देश्य यह समझाना है कि हर वस्तु क्षणिक और परिवर्तनशील है।
  • इस समझ से व्यक्ति को मोह-माया से मुक्ति मिलती है और वह निर्वाण की ओर अगाढ़ होता है।
  • यह सिद्धांत अपरिवर्तनशील सार के अस्तित्व पर मौन रहता है।

हिंदू धर्म से तुलना:

  • अधिकांश हिंदू सम्प्रदाय आत्मा (या आत्मान) के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं।
  • हिंदू धर्म में आत्मा को शुद्ध चेतना या साक्षी चेतना माना जाता है, जो जन्म-मरण के चक्र से परे है।
  • हिंदू दर्शन में आत्मा को एक शाश्वत सत्ता के रूप में स्थापित किया गया है।

निष्कर्ष:

"अनात्म" बौद्ध धर्म का एक गहन सिद्धांत है जो मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह सिद्धांत हमें यह समझने में मदद करता है कि सभी चीजें अनित्य हैं और मोह-माया से मुक्ति ही दुःखों से छुटकारा पाने का मार्ग है।


In Buddhism, the term anattā or anātman is the doctrine of "non-self" – that no unchanging, permanent self or essence can be found in any phenomenon. While often interpreted as a doctrine denying the existence of a self, anatman is more accurately described as a strategy to attain non-attachment by recognizing everything as impermanent, while staying silent on the ultimate existence of an unchanging essence. In contrast, dominant schools of Hinduism assert the existence of Ātman as pure awareness or witness-consciousness, "reify[ing] consciousness as an eternal self."



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