
नौ निहाल सिंह
Nau Nihal Singh
(Third Maharaja of Sikh Empire from 1839–1840)
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महाराजा कुंवर नौ निहाल सिंह: एक संक्षिप्त जीवन वृत्तांत
कुंवर नौ निहाल सिंह (9 मार्च 1821 - 5 नवंबर 1840) सिख साम्राज्य के तीसरे महाराजा थे। वे महाराजा खड़क सिंह और उनकी पत्नी महारानी चांद कौर के इकलौते बेटे थे। उन्हें युवराज कुंवर नौ निहाल सिंह के नाम से जाना जाता था।
उनका एक और नाम भवन सिंह या भवन सा या कुंवर सा था, जिसका अर्थ "सम्मानित युवा राजकुमार" होता था। भवन शब्द का अर्थ कुंवर का पुत्र या ठाकुर का पुत्र होता है।
उनका शासनकाल उनके पिता महाराजा खड़क सिंह को सिंहासन से उतारने के साथ शुरू हुआ और उनके 19 साल की उम्र में उनके पिता के अंतिम संस्कार के दिन उनकी मृत्यु के साथ समाप्त हो गया।
अतिरिक्त जानकारी:
- नौ निहाल सिंह का जन्म 9 मार्च, 1821 को हुआ था।
- वह अपने पिता, खड़क सिंह के उत्तराधिकारी थे, जो सिख साम्राज्य के दूसरे महाराजा थे।
- उन्हें उनकी माँ, महारानी चांद कौर ने पाला और शिक्षित किया था।
- नौ निहाल सिंह एक युवा शासक थे और उनके शासनकाल में बहुत कम समय था।
- उनके पिता के अंतिम संस्कार के दिन उनकी रहस्यमय मौत हो गई, जिसके कारण सिख साम्राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हुई।
- कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उनकी मौत दुर्घटना थी, जबकि अन्य का मानना है कि उन्हें हत्या कर दी गई थी।
- नौ निहाल सिंह का शासनकाल बहुत छोटा था लेकिन सिख साम्राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
Kunwar Nau Nihal Singh was the third Maharaja of the Sikh Empire. He was the only son of Maharaja Kharak Singh and his consort, Maharani Chand Kaur. He was known as Yuvraj Kunwar Nau Nihal Singh. He was also known as Bhanwar Singh or Bhanwar Sa or Kunwar Sa means Respected Young Prince. Bhawar means Son of Kunwar or Son of Thakur. His reign began with the dethronement of his father Maharaja Kharak Singh and ended with his death at the age of 19 on the day of his father's funeral.