
ईरान में बौद्ध धर्म
Buddhism in Iran
(History of the Buddhist religion in present-day Iran)
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ईरान में बौद्ध धर्म: एक विस्तृत नज़र
ईरान में बौद्ध धर्म का इतिहास दूसरी शताब्दी तक फैला हुआ है। उस समय पार्थियन बौद्ध धर्म प्रचारक, जैसे कि अन शीगाओ और अन जुआन, चीन में बौद्ध धर्म के प्रसार में सक्रिय थे।
पार्थिया और वर्तमान ईरान से जुड़े अन्य राज्यों के लोग ही बौद्ध साहित्य का चीनी भाषा में अनुवाद करने वाले पहले अनुवादकों में से थे। यह इस बात का प्रमाण है कि उस समय ईरान में बौद्ध धर्म का कितना प्रभाव था।
यहाँ कुछ अतिरिक्त बिंदु दिए गए हैं:
- पार्थियन साम्राज्य, जो वर्तमान ईरान सहित एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था, ने सिल्क रोड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस रास्ते से न केवल व्यापार होता था, बल्कि विचारों और धर्मों का भी आदान-प्रदान होता था। बौद्ध धर्म भी इसी रास्ते से ईरान पहुँचा।
- ईरान में उस समय बौद्ध मठों और स्तूपों का निर्माण किया गया था, हालांकि इनमें से अधिकांश अब नष्ट हो चुके हैं।
- कुषाण साम्राज्य, जिसका ईरान के कुछ हिस्सों पर शासन था, ने भी बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया।
हालांकि ईरान में बाद में इस्लाम का प्रादुर्भाव हुआ और बौद्ध धर्म का प्रभाव कम हो गया, लेकिन शुरुआती शताब्दियों में ईरान बौद्ध धर्म के प्रसार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
Buddhism in Iran dates back to the 2nd century, when Parthian Buddhist missionaries, such as An Shigao and An Xuan, were active in spreading Buddhism in China. Many of the earliest translators of Buddhist literature into Chinese were from Parthia and other kingdoms linked with present-day Iran.