
भारतीयकरण
Indianisation
(Spread of Indian religions, culture, diaspora, soft power, economic reach and impact)
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Indianisation: भारत का प्रभाव और विस्तार
"Indianisation" या "Indianization" शब्द से तात्पर्य भारत के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि भाषा, संस्कृति, प्रवासी भारतीय समुदाय, भोजन, आर्थिक पहुँच और प्रभाव, और धर्मों का प्रसार, से है।
आइए इसे और विस्तार से समझते हैं:
- भाषा का प्रसार: संस्कृत भाषा का दक्षिण-पूर्व एशिया में व्यापक प्रभाव रहा है। थाई, बर्मी, खमेर जैसी कई भाषाओं में संस्कृत के शब्द और व्याकरण आज भी देखे जा सकते हैं।
- संस्कृति का प्रसार: भारतीय नृत्य, संगीत, वास्तुकला, और कलाओं का प्रभाव दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, इंडोनेशिया का प्रसिद्ध बोरोबुदुर मंदिर भारतीय वास्तुकला का अद्भुत नमूना है।
- प्रवासी भारतीय समुदाय: दुनिया भर में फैले हुए प्रवासी भारतीय, भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही, वे अपने निवास स्थानों पर भारतीय भोजन, संगीत और त्योहारों को लोकप्रिय बनाने में भी योगदान देते हैं।
- भोजन का प्रसार: भारतीय मसालों और व्यंजनों की लोकप्रियता दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। थाईलैंड का 'रेड करी', मलेशिया का 'नासिक लेमक' जैसे व्यंजनों में भारतीय मसालों का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है।
- आर्थिक पहुँच और प्रभाव: भारतीय कंपनियों का विस्तार और निवेश, और साथ ही भारतीय पेशेवरों की बढ़ती मांग ने वैश्विक स्तर पर भारत के आर्थिक प्रभाव को मजबूत किया है।
- धर्मों का प्रसार: बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म का प्रसार भारत से दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन, जापान और अन्य देशों तक हुआ है।
संक्षेप में, Indianisation भारत के विविध और समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है जो सदियों से दुनिया भर में फैल रहा है और लगातार विकसित हो रहा है।
Indianisation also known as Indianization, may refer to the spread of Indian languages, culture, diaspora, cuisines, economic reach and impact. Also the spread of Indian religions.