
खंडा (सिख प्रतीक)
Khanda (Sikh symbol)
(Sikh symbol depicting Deg Tegh Fateh doctrine)
Summary
Info
Image
Detail
Summary
खंडा: सिख धर्म का प्रतीक
खंडा, जो पंजाबी में "खंडा" (ਖੰਡਾ) के रूप में लिखा जाता है, सिख धर्म का एक प्रमुख प्रतीक है। यह प्रतीक 1930 के दशक में गदर आंदोलन के दौरान अपनी वर्तमान रूप में आया।
खंडा का अर्थ और महत्व:
- शक्ति और साहस: खंडा एक दो-धारी तलवार है जो बहादुरी, शक्ति और साहस का प्रतीक है। यह सिखों के लिए ईश्वर के साथ अपनी लड़ाई में विजय प्राप्त करने की क्षमता का प्रतीक है।
- न्याय और सत्य: खंडा न्याय और सत्य का प्रतिनिधित्व करता है। यह अन्याय के खिलाफ लड़ने और सच्चाई के लिए खड़े होने की सिख धर्म की शिक्षा को दर्शाता है।
- सिख धर्म का प्रतीक: खंडा सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह सिखों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उनके धार्मिक विश्वास का प्रतीक है।
खंडा का विवरण:
- खंडा एक छोटा, दो-धारी तलवार है जो एक लकड़ी के हैंडल से जुड़ा होता है।
- तलवार के ऊपर एक छोटा, गोल आकार का डिस्क होता है जिसे "चक्र" कहा जाता है।
- चक्र के चारों ओर दो छोटी तलवारें होती हैं जो "किरपान" कहलाती हैं।
- खंडा के नीचे दो तलवारें होती हैं जो "कटार" कहलाती हैं।
- खंडा के निचले भाग में एक लकड़ी का हैंडल होता है जिसे "डंडा" कहा जाता है।
खंडा का उपयोग:
- खंडा का उपयोग सिखों द्वारा विभिन्न धार्मिक समारोहों में किया जाता है।
- यह सिखों के घरों में भी रखा जाता है और पूजा के दौरान इसका उपयोग किया जाता है।
- खंडा का उपयोग सिखों के धार्मिक नेताओं द्वारा भी किया जाता है।
निष्कर्ष:
खंडा सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है जो शक्ति, साहस, न्याय और सत्य का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रतीक सिखों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उनके धार्मिक विश्वास का प्रतीक है।
The Khanda is the symbol of the Sikhism which attained its current form around the 1930s during the Ghadar Movement.