Sikh_gurus

सिख गुरु

Sikh gurus

(Spiritual leaders of Sikhism)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

सिख गुरु: एक विस्तृत जानकारी

सिख गुरु (पंजाबी: ਸਿੱਖ ਗੁਰੂ; हिंदी: सिख गुरु) सिख धर्म के आध्यात्मिक नेता हैं, जिन्होंने लगभग ढाई शताब्दियों में धर्म की स्थापना की, जिसका प्रारंभ 1469 में हुआ था। वर्ष 1469 में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म हुआ था। उनके बाद नौ अन्य मानव गुरु आए, और अंत में 1708 में, दसवें गुरु ने गुरु पद पवित्र सिख ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब को सौंप दिया, जिसे अब सिख धर्म के अनुयायी जीवित गुरु मानते हैं।

सिख गुरुओं की सूची:

  1. गुरु नानक देव जी (1469-1539): सिख धर्म के संस्थापक। उन्होंने एकेश्वरवाद, भक्ति, कर्म और सामाजिक सुधार का उपदेश दिया।
  2. गुरु अंगद देव जी (1539-1552): उन्होंने गुरुमुखी लिपि का विकास किया और गुरु नानक के शिक्षाओं का प्रसार किया।
  3. गुरु अमर दास जी (1552-1574): उन्होंने सिख धर्म में संगत (सभा) का महत्व स्थापित किया और सामाजिक न्याय के लिए काम किया।
  4. गुरु राम दास जी (1574-1581): उन्होंने अमृतसर शहर की नींव रखी और सिखों को गुरुद्वारा निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया।
  5. गुरु अर्जुन देव जी (1581-1606): उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब का संकलन किया और सिखों को सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
  6. गुरु हरगोबिंद साहिब जी (1606-1644): उन्होंने सिखों को शस्त्र रखने का अधिकार दिया और मुगल शासन से संघर्ष किया।
  7. गुरु हर राय जी (1644-1661): उन्होंने सिख धर्म को वैदिक शिक्षा से जोड़ा और मुगल शासन के साथ संघर्ष जारी रखा।
  8. गुरु हर कृष्ण साहिब जी (1661-1664): उन्होंने चिकित्सा और सामाजिक सेवाओं के लिए काम किया।
  9. गुरु तेग बहादुर जी (1664-1675): उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया।
  10. गुरु गोबिंद सिंह जी (1675-1708): उन्होंने सिख धर्म को एक सैन्य संगठन में बदल दिया और सिखों को खालसा पंथ में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

गुरु ग्रंथ साहिब:

गुरु गोबिंद सिंह ने 1708 में गुरु पद गुरु ग्रंथ साहिब को सौंप दिया। यह सिखों का पवित्र ग्रंथ है और इसमें गुरु नानक और अन्य गुरुओं के शिक्षाओं के साथ-साथ विभिन्न संतों और कवियों की रचनाएँ शामिल हैं। गुरु ग्रंथ साहिब सिखों के लिए जीवित गुरु है और उनके जीवन का मार्गदर्शक है।

सिख धर्म में गुरुओं का महत्व:

सिख गुरुओं ने न केवल सिख धर्म की नींव रखी बल्कि समाज में सामाजिक सुधार और न्याय के लिए भी काम किया। उन्होंने एकेश्वरवाद, भक्ति, कर्म, सेवा और सामाजिक समानता का उपदेश दिया। सिख गुरुओं के शिक्षाओं ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है और दुनिया भर में सिख धर्म का प्रसार किया है।


The Sikh gurus are the spiritual masters of Sikhism, who established the religion over the course of about two and a half centuries, beginning in 1469. The year 1469 marks the birth of Guru Nanak, the founder of Sikhism. He was succeeded by nine other human gurus until, in 1708, the Guruship was finally passed on by the tenth guru to the holy Sikh scripture, Guru Granth Sahib, which is now considered the living Guru by the followers of the Sikh faith.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙