
निहंग
Nihang
(Armed Sikh warrior order originating in the Indian subcontinent)
Summary
निहंग: सिख योद्धाओं का एक असाधारण समूह
निहंग, जिन्हें निहुंग भी कहा जाता है, एक सशस्त्र सिख योद्धा समूह है जो भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ। "निहंग" शब्द का अर्थ "मगरमच्छ" है, जो उनके साहस और शक्ति का प्रतीक है।
निहंगों की उत्पत्ति के बारे में दो प्रमुख विचार हैं:
फतेह सिंह और उनका पहनावा: एक कहानी के अनुसार, निहंगों की उत्पत्ति फतेह सिंह से हुई, जो एक सिख योद्धा थे। वह अपनी अलग तरह की पोशाक के लिए जाने जाते थे, जिसमें नीले रंग का कपड़ा, बड़ा तलवार, और एक विशाल धनुष था। उनके अनुयायी भी उसी तरह का पहनावा अपनाते थे, और इस तरह निहंग नाम उनके लिए प्रचलित हो गया।
"अकाल सेना": दूसरी मान्यता के अनुसार, निहंगों की उत्पत्ति गुरु हरगोबिंद द्वारा शुरू की गई "अकाल सेना" (अमर सेना) से हुई। गुरु हरगोबिंद ने सिखों को हथियार उठाने और अपने धर्म की रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उनकी सेना ने कई युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समय के साथ "निहंग" के रूप में जानी जाने लगी।
निहंगों का इतिहास सिख साम्राज्य के सैन्य इतिहास से जुड़ा है। वे अपनी बहादुरी और युद्ध के मैदान में क्रूरता के लिए जाने जाते थे। अक्सर, वे सिख साम्राज्य की सेना की अनियमित गुरिल्ला टुकड़ियों का हिस्सा होते थे। वे अपनी संख्या से कई गुना बड़ी शत्रु सेना के खिलाफ विजय प्राप्त करने के लिए जाने जाते थे।
निहंग अपने अनोखे पहनावे के लिए भी जाने जाते हैं। वे नीले रंग के कपड़े, बड़े तलवार, धनुष, और भाले पहनते हैं। उनके सर पर एक पगड़ी होती है जिसे "दस्तार" कहा जाता है, जिस पर एक छोटा तलवार या छुरी होती है। निहंगों का विश्वास है कि यह पहनावा उन्हें युद्ध के मैदान में पहचानने और दुश्मनों को डरने में मदद करता है।
आज, निहंग एक असाधारण समूह है जो अपने सिख धर्म और इतिहास की रक्षा करने के लिए समर्पित है। वे गुरुद्वारों में सेवा करते हैं, धार्मिक समारोहों में भाग लेते हैं, और सिखों के हितों की रक्षा के लिए काम करते हैं।