Parashara

पराशर ऋषि

Parashara

(Ancient Indian sage)

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पराशर महर्षि: एक विद्वान और ज्ञान के भंडार

पराशर (IAST: Parāśara) एक महान ऋषि थे, जिन्होंने प्राचीन भारत में कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की। उन्हें विष्णु पुराण का प्रथम रचयिता माना जाता है, हालाँकि उनके पुत्र व्यास ने बाद में इसे वर्तमान रूप में लिखा।

पराशर महर्षि, ऋषि वशिष्ठ के पौत्र और ऋषि शक्ति के पुत्र थे। कई ग्रंथों में पराशर को लेखक या वक्ता के रूप में उल्लेख किया गया है। इन ग्रंथों में, पराशर को अपने शिष्य को ज्ञान प्रदान करते हुए दिखाया गया है।

पराशर को निम्नलिखित ग्रंथों का रचयिता माना जाता है:

  • विष्णु पुराण: यह पुराण हिन्दू धर्म और संस्कृति का एक प्रमुख ग्रंथ है।
  • पराशर स्मृति: यह ग्रंथ धर्म, नीति, विधि, ज्योतिष आदि विषयों पर प्रकाश डालता है।
  • पराशर ज्योतिष: यह ग्रंथ ज्योतिष शास्त्र का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
  • बृहत् पराशर होरा शास्त्र: यह ग्रंथ ज्योतिष के क्षेत्र में खगोल विज्ञान और ग्रहों के प्रभाव का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।

पराशर ऋषि ने अपने ज्ञान और शिक्षा के माध्यम से, हिन्दू धर्म और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके द्वारा रचित ग्रंथ आज भी अध्ययन और अनुसरण किए जाते हैं, और उनके ज्ञान का प्रभाव आज भी हमारे जीवन पर बना हुआ है।


Parashara was a maharishi and the author of many ancient Indian texts. He is accredited as the author of the first Purana, the Vishnu Purana, before his son Vyasa wrote it in its present form. He was the grandson of the sage Vasishtha and the son of the sage Shakti. There are several texts which give reference to Parashara as an author/speaker. The various texts attributed to him are given in reference to Parashara being the speaker to his student.



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