
रामरैया
Ramraiya
(Sikh sect founded by Ram Rai)
Summary
रामराइया: सिखों का एक अलग पंथ
रामराइया सिखों का एक अलग पंथ है, जो गुरु हर राय (1630-61) के बड़े बेटे राम राय के अनुयायी हैं। राम राय को सिखों की मुख्य धारा से अलग कर दिया गया था, और उनके अनुयायी आज भी उन्हें सिख गुरु मानते हैं।
राम राय को सिखों की मुख्य धारा से अलग क्यों किया गया?
राम राय को सिखों की मुख्य धारा से अलग करने का मुख्य कारण उनकी शिक्षाओं और व्याख्याओं से जुड़ा था। गुरु हर राय ने अपने अंतिम समय में राम राय को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन राम राय ने कुछ ऐसी शिक्षाएँ दीं जो सिखों की मूल शिक्षाओं के विपरीत थीं।
- राम राय ने 'राम' के नाम का इस्तेमाल सिख धर्म में ज्यादा जोर दिया, जबकि सिखों के मूल शिक्षाओं में ईश्वर को 'वाहेगुरु' के नाम से जाना जाता है।
- राम राय ने कुछ हिंदू रीति-रिवाजों को अपनाने का समर्थन किया, जबकि सिख धर्म इन रीति-रिवाजों को अस्वीकार करता है।
- राम राय की कुछ शिक्षाओं ने गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का विरोध किया।
सिखों की मुख्य धारा ने राम राय को अपना उत्तराधिकारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया और गुरु हर राय के दूसरे बेटे हर कृष्ण को गुरु बनाया।
राम राय ने खुद को गुरु घोषित किया और उनके अनुयायी एक अलग पंथ में शामिल हो गए।
आज भी रामराइया समाज सिखों का एक अलग पंथ है, जो अपनी खुद की शिक्षाओं और रीति-रिवाजों का पालन करता है।