
नारद
Narada
(Sage in Hindu mythology)
Summary
नारद मुनि: दिव्य ज्ञान के वाहक
नारद मुनि, हिन्दू धर्म में एक पूजनीय ऋषि और देवता हैं, जिन्हें एक यात्रा करने वाले संगीतकार और कहानीकार के रूप में जाना जाता है। वे ज्ञान और रोचक कथाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाते हैं। वे ब्रह्मा, सृजनकर्ता देवता, के मानस पुत्रों में से एक हैं।
नारद मुनि का उल्लेख कई हिंदू ग्रंथों में मिलता है, विशेष रूप से महाभारत में, जहाँ वे युधिष्ठिर को प्रह्लाद की कहानी सुनाते हैं। रामायण और पुराणों में भी उनका महत्वपूर्ण स्थान है।
वैष्णव धर्म में भूमिका:
वैष्णव धर्म में, नारद मुनि को विष्णु के एक प्रमुख भक्त और दूत के रूप में देखा जाता है। जब भी विष्णु धरती पर अवतार लेते हैं, बुराई से लड़ने या महत्वपूर्ण घटनाओं को देखने के लिए, नारद मुनि उनकी सहायता के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं।
विशेषताएँ:
- ऋषिराज: नारद मुनि को सभी ऋषियों का राजा कहा जाता है।
- त्रिकालदर्शी: उन्हें भूत, वर्तमान और भविष्य के ज्ञान का वरदान प्राप्त था।
- संगीतकार: वीणा बजाने में निपुण, नारद मुनि अपने संगीत से देवताओं को भी मोहित कर देते हैं।
- कथावाचक: वे विभिन्न लोकों की यात्रा करते हुए ज्ञानवर्धक कथाएं सुनाते हैं।
- विष्णु भक्त: विष्णु के प्रति उनकी अटूट भक्ति और समर्पण जगजाहिर है।
नारद मुनि, अपनी बुद्धि, ज्ञान और भक्ति के लिए हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वे दिव्य ज्ञान के वाहक और धर्म के प्रचारक हैं।