
गुरु नानक
Guru Nanak
(Founder and first guru of Sikhism (1469–1539))
Summary
गुरु नानक देव जी
गुरु नानक देव जी (१५ अप्रैल १४६९ - २२ सितंबर १५३९), जिन्हें बाबा नानक ('पिता नानक') के नाम से भी जाना जाता है, सिख धर्म के संस्थापक थे और दस सिख गुरुओं में से पहले थे। उनका जन्म गुरु नानक गुरुपर्व के रूप में कटक पूर्णिमा (अक्टूबर-नवंबर) पर मनाया जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी ने पूरे एशिया में दूर-दूर तक यात्रा की और लोगों को एक ओंकार (ੴ, 'एक ईश्वर') का संदेश दिया, जो उनकी हर रचना में निवास करता है और शाश्वत सत्य का गठन करता है। इस अवधारणा के साथ, उन्होंने समानता, भाईचारे, अच्छाई और सदाचार पर आधारित एक अद्वितीय आध्यात्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मंच स्थापित किया।
गुरु नानक देव जी के शब्द सिख धर्म के पवित्र धार्मिक ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब में ९७४ काव्य भजनों या शब्द के रूप में दर्ज हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रार्थनाएँ हैं जपजी साहिब ( जप, 'जप करना'; जी और साहिब सम्मान दर्शाने वाले प्रत्यय हैं); आसा दी वार ('आशा का गीत'); और सिद्ध गोष्ठ ('सिद्धों के साथ चर्चा')। यह सिख धार्मिक विश्वास का हिस्सा है कि गुरु नानक की पवित्रता, देवत्व और धार्मिक अधिकार की भावना बाद के नौ गुरुओं में से प्रत्येक पर उतरी थी जब गुरुशिप उन्हें सौंपी गई थी।
विस्तार से:
- एक ओंकार: यह सिख धर्म का मूलमंत्र है जिसका अर्थ है "ईश्वर एक है"। गुरु नानक देव जी ने इस मंत्र के माध्यम से यह संदेश दिया कि ईश्वर एक है, वह निराकार है और सर्वव्यापी है।
- यात्राएँ: गुरु नानक देव जी ने अपने जीवनकाल में चार प्रमुख यात्राएँ कीं जिन्हें उदासी कहा जाता है। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने लोगों को धार्मिक पाखंड, जाति व्यवस्था और ऊँच-नीच के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई।
- गुरु ग्रंथ साहिब: सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ है जिसमें गुरु नानक देव जी सहित दसों गुरुओं और अन्य संतों के उपदेश संकलित हैं।
- भाईचारा और समानता: गुरु नानक देव जी ने जाति, धर्म और लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध किया और सभी को एक समान मानते थे।
- सेवा और सिमरन: गुरु नानक देव जी ने ईश्वर की प्राप्ति के लिए सेवा और सिमरन को महत्वपूर्ण बताया।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह विवरण गुरु नानक देव जी और उनके उपदेशों का एक संक्षिप्त परिचय है। सिख धर्म और गुरु नानक देव जी के बारे में अधिक जानने के लिए आपको और शोध करना होगा।