Cave_paintings_in_India

भारत में गुफा चित्रकारी

Cave paintings in India

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भारत में गुफा चित्रकला का इतिहास: एक विस्तृत विवरण

<p class="mw-empty-elt"> </p> यह केवल एक खाली पैराग्राफ टैग है, इसका कोई विशेष अर्थ नहीं है।

भारत में गुफा चित्रकला या शैल कला का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से लेकर वर्तमान तक फैला हुआ है। यह कला मध्य भारत की गुफाओं में लगभग 10,000 साल पहले (ईसा पूर्व) से शुरू होती है, जिसका सबसे प्रमुख उदाहरण भीमबेटका की शैल आश्रय स्थल हैं। यह कला आज भी जीवंत है, लेकिन इसका स्वर्णिम काल 6वीं से 10वीं शताब्दी ईस्वी तक था, जिसका प्रमाण अजंता और एलोरा जैसी शैलकृत कृत्रिम गुफाओं में मिलते हैं।

प्रागैतिहासिक काल (लगभग 10,000 ईसा पूर्व से):

  • भीमबेटका, मध्य प्रदेश: यह स्थल भारत में प्रागैतिहासिक गुफा चित्रकला का सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण है। यहाँ हजारों वर्षों में बनाई गई हजारों चित्रकारी मिलती हैं जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं - शिकार, नृत्य, धार्मिक अनुष्ठान, और प्राकृतिक दृश्यों को। इन चित्रों में प्राचीन मानवों के जीवन शैली, सामाजिक संरचना और आध्यात्मिक विश्वासों की झलक मिलती है। रंगों के उपयोग और चित्रण शैली में समय के साथ परिवर्तन साफ़ दिखाई देते हैं। ये चित्र मुख्य रूप से लाल, भूरे और पीले रंगों में बनाए गए हैं और साधारण उपकरणों से बनाए जाने का प्रमाण देते हैं।

प्राचीन काल (लगभग 6वीं से 10वीं शताब्दी ईस्वी):

  • अजंता और एलोरा, महाराष्ट्र: ये स्थान बौद्ध और हिंदू गुफा मंदिरों के लिए जाने जाते हैं, जिनकी दीवारों पर अत्यंत सुंदर और विस्तृत भित्ति चित्र बनाए गए हैं। ये चित्र बौद्ध धर्म के जीवन और कहानियों, हिंदू देवी-देवताओं, और समय की सामाजिक और राजनीतिक जीवन शैली को दर्शाते हैं। इन चित्रों में रंगों का उपयोग अत्यंत कुशलता से किया गया है, और चित्रों की विस्तृत और जीवंत शैली देखने वाले को मोहित कर देती है। ये चित्र उच्च स्तर की कलात्मक क्षमता का प्रमाण हैं, जो उस समय के कलाकारों की प्रतिभा का प्रतीक है।

निष्कर्ष:

भारत की गुफा चित्रकला एक लंबे और समृद्ध इतिहास का प्रतीक है, जिसमें प्राचीन मानव जीवन से लेकर उच्च स्तर की धार्मिक और राजनीतिक कला तक का इतिहास समाहित है। ये चित्र न केवल एक कलात्मक उपलब्धि हैं, बल्कि भारतीय इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत भी हैं। इन चित्रों का अध्ययन हमें प्राचीन मानव सभ्यता के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है।


The history of cave paintings in India or rock art range from drawings and paintings from prehistoric times, beginning in the caves of Central India, typified by those at the Bhimbetka rock shelters from around 10,000 BP, to elaborate frescoes at sites such as the rock-cut artificial caves at Ajanta and Ellora, extending as late as 6th–10th century CE.



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