
कोलिया
Koliya
(Republican tribe confederacy in Iron-Age India)
Summary
कोलिय वंश: एक सरल व्याख्या
कोलिय प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण आर्य वंश था जो लौह युग के दौरान उत्तर-पूर्वी दक्षिण एशिया में निवास करता था। "कोलिय" शब्द का पालि भाषा में अर्थ "वंश" या "कुल" होता है। यह वंश अपनी गणतांत्रिक शासन व्यवस्था के लिए जाना जाता था, जिसे कोलिय गणराज्य कहा जाता है।
गणराज्य: कोलिय गणराज्य, जिसे गणसंघ भी कहा जाता था, एक प्रकार की शासन प्रणाली थी जिसमें सत्ता किसी एक राजा के हाथ में न होकर, एक निर्वाचित समूह या गण के पास होती थी। इस गण में कुलीन और प्रभावशाली परिवारों के प्रतिनिधि होते थे जो मिलकर महत्वपूर्ण निर्णय लेते थे।
भौगोलिक स्थिति: कोलिय वंश का प्रमुख क्षेत्र आज के नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में फैला हुआ था। उनका राज्य हिमालय की तलहटी से लेकर गंगा के मैदानों तक विस्तृत था। उनकी राजधानी देवपत्तन थी, जिसे आज हम रामनगर, नेपाल के नाम से जानते हैं।
महत्व: कोलिय वंश का प्राचीन भारत के इतिहास में विशेष महत्व है। यह वंश भगवान बुद्ध के समय में अस्तित्व में था और बौद्ध ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। भगवान बुद्ध के दो प्रमुख शिष्य, आनंद और देवदत्त, कोलिय वंश से ही संबंधित थे।
संक्षेप में: कोलिय वंश प्राचीन भारत का एक प्रमुख गणराज्य था जिसकी शासन व्यवस्था और बौद्ध धर्म से निकटता इसे इतिहास में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती है।